17वीं लोकसभा के दौरान भी माइक के बंद और चालू करने को लेकर खूब हंगामा हुआ था और यह मामला अब 18वीं लोकसभा में भी खूब उछाला जा रहा है। विपक्ष जहां उनके माइक बंद करने और लोकतंत्र का गला दबाने की बात कर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है। शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में नीट यूजी पेपर लीक का मामला जब विपक्ष की ओर से उठाया गया तो जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का माइक बंद हो गया। इस बात को लेकर लेकर वे बेहद नाराज हो गये और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि उनका माइक ऑन कर दें। इस पर बिरला ने जवाब दिया कि ‘माइक मैं बंद नहीं करता हूं, यहां कोई बटन नहीं होता।’ अब प्रश्न यह उठ रहा है कि जब स्पीकर के हाथ में स्विच नहीं है तो आखिर लोकसभा में सांसदों के माइक ऑन-ऑफ कौन करता है?
यह बात स्पष्ट है कि संसद के सदनों में प्रत्येक संसद सदस्य की टेबल पर एक माइक होता है, जिससे वे अपनी बात संसदीय सत्रों के दौरान अध्यक्ष और अन्य सदस्यों तक पहुंचाते हैं। लोकसभा में चर्चा में जो सदस्य अपनी बात रख रहा होता है, उसका माइक ऑन होता है। जैसे ही वह अपनी बात खत्म करता है, उसका माइक ऑफ हो जाता है।
अध्यक्ष के पास नहीं होता कोई स्विच
लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों के माइक ऑन या ऑफ करने के लिए अध्यक्ष या सभापति के पास कोई स्विच नहीं होता। यही बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी से कही। सवाल यह है कि बहस के बीच किसी का माइक यदि बंद कराना हो तो क्या व्यवस्था है? इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष सीधे तौर पर माइक बंद करने के लिए नहीं कहते। यह निर्देश संकेतों में दिए जाते हैं।
वास्तव में संसद सदस्यों के माइकों के स्विच लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के दोनों ओर बैठे साउंड इंजीनियरों के पास होते हैं। उनके पास हर सांसद का नंबर और माइक का कंट्रोल होता है। जैसे कि शून्यकाल में हर सांसद को बोलने के लिए तीन मिनट का समय मिलता है। जैसे ही यह अवधि पूरी होती है, साउंड इंजीनियर उनका माइक बंद कर देते हैं।
इसी तरह जब अध्यक्ष के आसन से निर्देश आता है तो साउंड इंजीनियर उसका पालन करते हैं। जैसे ही अध्यक्ष की ओर से कहा जाता है कि कोई बात रिकाॅर्ड पर नहीं जाएगी तो माइक बंद कर दिया जाता है। किसी चर्चा के दौरान बीच में बोलने वाले सदस्य का माइक भी बंद कर दिया जाता है।
कांग्रेस ने लगाया माइक बंद करने का आरोप
शुक्रवार को जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा उठ गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा के लिए समय मांगा जबकि स्पीकर ओम बिरला राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बाद नीट पेपर लीक के मुद्दे में चर्चा कराना चाहते थे। इसी बात को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग करने पर राहुल गांधी का माइक बंद कर दिया गया।
लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही नेता विपक्ष राहुल गांधी ने उनका माइक ऑन करने की मांग की। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि माइक का बटन उनके पास नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी से कहा कि, ‘ आप सदन में नेता प्रतिपक्ष हैं, आप संसदीय मर्यादा का पालन करेंगे।’ इस पर राहुल गांधी ने कहा कि, नीट (NEET) का मुद्दा गंभीर मसला है। राहुल के इस कथन पर विपक्ष के अन्य सांसदों ने कहा कि, माइक ऑफ है।
बिरला ने कहा कि, ” मैं पहले भी कह चुका हूं कि मेरे पास माइक ऑफ करने का कोई बटन नहीं होता है।” इस पर राहुल गांधी ने कहा, ” मेरा माइक तो ऑन कर दीजिए।” उन्हें स्पीकर ने जवाब दिया कि “आप जो बोलेंगे अभी कुछ रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।”
नीट के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा
इसके बाद नीट के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। आखिरकार सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में राहुल गांधी का माइक ऑफ होने का मुद्दा कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर भी उठाया। कांग्रेस ने एक्स पर वीडियो शेयर किया। पार्टी ने लिखा, श्श्जहां एक ओर नरेंद्र मोदी छम्म्ज् पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज़ सदन में उठा रहे हैं। लेकिन।।।ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है।।ष्
खरगे का भी माइक बंद
कांग्रेस ने राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे का माइक भी ऑफ कर दिए जाने की शिकायत की। पार्टी ने एक्स पर कहा, ” देश में पेपर लीक से पीड़ित छात्रों की आवाज कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में उठाई लेकिन उनका माइक ऑफ कर दिया गया।”