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1983 में पहली बार क्रिकेट का विश्वकप (Prudential Cup) जिताने वाली अनमोल भारतीय रत्नों की माला का एक मोती बिखरा, नहीं रहे यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma)

वर्ष 1983 में पहली बार एक दिवसीय क्रिकेट मैचों का विश्वकप (प्रूडेंशियल कप/Prudential Cup) जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के अनमोल रत्नों की माला के एक मोती 13 जुलाई 2021 को बिखर गया। तत्कालीन टीम के महत्वपूर्ण सदस्य रहे यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma) ने दुनिया को अलविदा कह दिया। 66 बरस के यशपाल का निधन हृदयाघात के कारण हुआ। वे भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता भी रहे थे। शर्मा के निधन से न केवल उनके साथी खिलाड़ी बल्कि हर वो क्रिकेट प्रेमी भी दुखी है जिसके दिल में देश को पहली बार विश्व दिलाने वाली टीम के प्रति सम्मान रहा है।

अपने समय में यशपाल शर्मा मध्यक्रम के मजबूत बल्लेबाज थे। उन्होंने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले और 1606 बनाये। उन्होंने टेस्ट मैचों में दो शतक और 9 अर्धशतक बनाये। उनका टेस्ट मैचों में उच्चतम स्कोर 140 रन का रहा। शर्मा ने 42 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और क्रिकेट के इस प्रारूप में उन्होंने 4 अर्धशतकों के साथ कुल 883 रन बनाये। एक दिवसीय मैचों में उनका उच्चतम स्कोर 89 रनों का रहा।

विश्वकप में शर्मा का प्रदर्शन

प्रूडेंशियल कप के पहले ही मैच में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को पटखनी दे दी थी। इस महत्वपूर्ण मैच में यशपाल शर्मा जब बल्लेबाजी करने उतरे तो टीम का स्कोर तीन विकेट पर 76 रन था जो जल्द ही पांच विकेट पर 141 रन हो गया। इस मैच में यशपाल शर्मा ने 120 गेंद पर 89 रन ठोके थे।। यही वहीं उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आक्रामक 40 रन और फिर इंग्लैंड के विरुद्ध कठिन परिस्थिति में 61 रनों की पारी खेली। 25 जून 1983 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गये विश्वकप के फाइनल को कौन भूल सकता है। इस मैच में यद्यपि शर्मा का योगदान 11 रन ही रहा था किंतु इस 60 ओवरों वाले मैचों की प्रतियोगिता यह मैच कम स्कोर वाला ही था जिसे भारत ने 43 रनों से जीता था। कुल मिलाकर यशपाल शर्मा इस विश्वकप प्रतियोगिता में 34.28 के औसत से 240 रन बनाए।

प्रथम श्रेणी मैचों में योगदान    

यशपाल शर्मा ने जीवन में 160 प्रथम श्रेणी के मैचों में हिस्सा लिया और 8933 रन बनाये। इतने रन बनाने में उन्होंने 21 शतक और 46 अर्धशतक लगाये। इसके अलावा 741 लिस्ट ए के मैचों में शर्मा ने 12 शतकों के साथ 1859 रन भी बनाये।

दिलीप कुमार और यशपाल

जुलाई की 7 तारीख को बॉलीवुड के पुराने हीरो दिलीप कुमार का निधन हुआ। शर्मा अक्सर कहा करते थे, ‘ जब तक मैं जिंदा हूं एक ही ऐक्टर मेरे फेवरेट रहेंगे। लोग उन्हें दिलीप कुमार कहते हैं, मैं उन्हें यूसुफ भाई कहता हूं। क्रिकेट में मेरी जिंदगी बनाने वाला कोई शख्स है तो वह यूसुफ भाई हैं।’


शर्मा कई बार यह किस्सा सुनाया करते थे कि एक बार वे पंजाब की ओर से रणजी ट्रॉफी का मैच खेल रहे थे। वह मैच देखने अभिनेता दिलीप कुमार भी आए थे। उनकी बैटिंग के बाद किसी ने उनसे कहा कि कोई आपसे मिलना चाहता है। शर्मा जब पहुंचे तो देखा दिलीप कुमार हैं। बकौल शर्मा, दिलीप कुमार ने उनसे कहा कि तुम बहुत अच्छा खेलते हो। मैंने तुम्हारे लिए बीसीसीआई में किसी से बात की है। उन्होंने तब राजसिंह डुंगरपुर से बात की थी। इसके बाद ही शर्मा को भारतीय टीम में जगह मिली।

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