जयपुर। प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लगभग 200 करोड़ की लागत का 15 मंजिला आईपीडी टावर और कार्डिअक सर्जरी सेंटर विकसित किया जाएगा, जहां मरीज को एक ही छत के नीचे परामर्श और जांच से लेकर ऑपरेशन सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी।
स्वायत्त शासन मंत्री शांतिलाल धारीवाल और चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, स्मार्ट सिटी परियोजना के चेयरमेन भवानी सिंह देथा, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुधीर भंडारी, अस्पताल अधीक्षक राजेश शर्मा व अन्य संबंधित चिकित्सकों और अधिकारियों ने सोमवार को अस्पताल का दौरा किया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि 1947 में बने सवाई मानसिंह अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं की काफी कमी थी। जहां कॉटेज वार्ड बने हुए हैं, वहां स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 15 मंजिला आईपीडी टावर का निर्माण किया जाएगा। इस टावर में 150 कॉटेज वार्ड बनाए जाएंगे, इसमें 100 क्यूबिकल और 50 वीआईपी कॉटेज होंगे।
शर्मा ने बताया कि इस बहुमंजिला टावर के एक मंजिल पर ही ऑपरेशन थियेटर, पोस्ट ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू वार्ड, एमआरआई, सीटी स्कैन के उपकरण, कैफेटेरिया और डॉक्टर्स के चैम्बर भी होंगे। स्वायत्त शासन मंत्री ने आश्वस्त किया है कि इसके लिए 200 करोड़ का बजट तय किया गया है और आगे भी बजट की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।
नर्सेज क्वाटर्स के पास 50 करोड़ की लागत से कार्डिअक सर्जरी वार्ड बनेगा, जहां बांगड़ के मरीजों को स्थानांतरित किया जाएगा। अस्पताल परिसर में ही फूड पार्क का भी निर्माण किया जाएगा और अव्यवस्थित दुकानों को भी एक छत के नीचे लाया जाएगा, ताकि अस्पताल का कायाकल्प हो और मरीजों और परिजनों को बेहतर माहौल मिल सके।
ट्रोमा सेंटर और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को जोड़ने के लिए भूमिगत रास्ता बनाया था लेकिन बारिश के चलते यह उपयोग में नहीं लिया जा रहा था। वास्तुविद को कहकर सुगम पैसेज बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल रोड स्थित सरकारी आवासों को राज्य सरकार दे तो इनका भी सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक्स और पावर हाउस के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
शर्मा ने कहा कि अस्पताल में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक और उपकरणों का इस्तेमाल होगा। अस्पताल स्थित मोर्चरी (मुर्दाघर) को भी आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। अस्पताल के उत्तर-पूर्व में स्थित कचराघर को भी हटाकर वहां सर्वधर्म प्रार्थना सभा का निर्माण किया जाएगा।