जयपुर

2023 चुनावों में गहलोत के हाथ रहेगी कांग्रेस की कमान, विरोधियों का होगा पत्ता साफ

कांग्रेस में मुख्यमंत्री के दावेदारों पर गहलोत का व्यंग्य बाण, 101 सीटें ले आते, मुख्यमंत्री बन जाते

जयपुर। गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान देकर कांग्रेस में अंदरखाने चल रही राजनीति में फिर से उबाल ला दिया है। गहलोत के बयानों को अगर समझा जाए तो साफ झलक रहा है कि 2023 के चुनाव में कांग्रेस की कमान गहलोत के हाथ ही रहने वाली है और विरोधियों का पत्ता साफ होने वाला है।

गहलोत ने बिना नाम लिए सचिन पायलट के 2003 और 2013 में कांग्रेस को मिली हार के सवाल का व्यंग्य के साथ जवाब दिया। जिसका गूढ़ अर्थ यह है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री के दावेदार बहुमत की सीटें लेकर आ जाते और मुख्यमंत्री बन जाते, अल्पमत के साथ पांच साल तक सरकार कोई जादूगर ही चला सकता है।

कांग्रेस का इतिहास देखें तो 1998 में अशोक गहलोत प्रदेशाध्यक्ष थे और कांग्रेस को 156 सीटें मिली थी, इसके बाद गहलोत मुख्यमंत्री बने। वर्ष 2003 में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री गहलोत ने आज खुद कहाकि कर्मचारियों के विरोध के कारण वह यह चुनाव हारे थे। इसके बाद 2008 में सीपी जोशी प्रदेशाध्यक्ष थे और चुनावों में गहलोत को दरकिनार किया गया, जिसके चलते 96 सीटें आई, लेकिन गहलोत ने जोड़-तोड़ करके सरकार बनाई। वर्ष 2013 में मोदी लहर के कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। वहीं वर्ष 2018 में सचिन पायलट प्रदेशाध्यक्ष थे और फिर गहलोत को चुनावों से दूर रखने की कोशिश की गई, नतीजा यह निकला की कांग्रेस 99 के फेर में फंस गई। इस बार भी गहलोत ने ही जोड़तोड़ से सरकार बनाई।

गहलोत के पास ही 156 का आंकडा दोहराने की जादूगरी
आज गहलोत ने पुराना इतिहास दोहराते हुए कांग्रेस आलाकमान को संदेश भेज दिया है कि अगर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट करानी है, तो उन्हीं की रणनीति पर चलना होगा। उनके अलावा राजस्थान कांग्रेस में ऐसा कोई नेता नहीं है जो सरकार रिपीट करा सकता है। ऐसे में चुनावों की पूरी कमान उन्हीं को देनी होगी, क्योंकि उन्हीं के पास 156 का आंकड़ा दोहराने की जादूगरी है।

यह कहा गहलोत ने
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भले ही सरकार रिपीट नहीं होती, लेकिन जब दूसरी पार्टी की सरकार बनती है, तो जनता छह महीनों में ही कांग्रेस सरकार के कामों को याद करने लगती है। यही कारण है कि 2008 हो या 2018 जनता ने कांग्रेस की सरकार बनाई।

अब फिर मिशन-156
गहलोत ने कहा कि जनता की आवाज खुदा की आवाज होती है और वही जनता ही कांग्रेस की सरकार भी बनवाती है और मुझे मुख्यमंत्री भी। 1998 में हमारी 156 सीट आई थी, उस समय मैं प्रदेशाध्यक्ष था। अब फिर हमें मिशन-156 पर काम करना है। उतनी ही सीटें वापस लानी है। मैं ऐसे ही रात दिन एक नहीं कर रहा हूं। मैं बिना सोचे समझे कोई बात नहीं बोलता हूं, मुझे गोड गिफ्ट है, दिल की बात बोलता हूं। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी फिर से सत्ता में आने वाली है। हमारा रास्ता पूरी तरह साफ है। इस बार भी कांग्रेस मिशन 156 पर काम कर रही है। इस बार राजस्थान में सत्ता बदलने का ट्रेंड जरूर टूटेगा। मैं दिन-रात एक कर सरकार बचाने में और जनता के लिए काम करने में जुटा हुआ हूं। मुझे तीन बार कोरोना हुआ, फिर भी मैंने 500 बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। विपक्ष और सभी सामाजिक संगठनों को साथ लेकर हमने काम किया दवाई से लेकर राशन तक दिया, ताकि राजस्थान की जनता को परेशानी ना हो। इसलिए इस बार हमने मिशन 156 पर काम शुरू कर दिया है। हम चाहते हैं कि राजस्थान को देश में नंबर वन स्टेट बनाएं। हमारी योजनाओं को देश के दूसरे राज्यों में लागू किया जा रहा है। हमारे यहां लिया गया हर फैसला आज देश में चर्चा का विषय है।

2018 के चुनावों में पहले ही माहौल बन गया था कि गहलोत हो सीएम
गहलोत ने कहा कि 2003 में हमें कर्मचारियों ने हरा दिया, क्योंकि उस समय मैं नया था और हो सकता है कि दोनों ही पक्षों की गलती रही हो और हमारी सरकार नहीं बनी। 2013 में पूरे देश में मोदी लहर थी इसके चलते हमारी सरकार नहीं बनी। लेकिन हमने जनता के लिए काम करने में कभी कमी नहीं छोड़ी। उन्हीं कामों को याद करके 2009 और 2018 में दुबारा हमारी सरकार बनी। 2018 में हमारी सरकार बनी उसका मुख्य कारण पुरानी सरकार के काम थे, 2018 में भी पुरानी सरकार के काम के आधार पर ही सरकार में आए थे। हालांकि वो जो माहौल बनता है उसके पीछे बाकी के कारण भी होते हैं। हमारी पार्टी संघर्ष करती है, सड़कों पर उतरते हैं, कमेंट करती रहती है, गलतियां बताती है, यह सब चलता रहता है।

लोग कहते हैं मुख्यमंत्री भला आदमी
गहलोत ने दावा करते हुए कहा कि इस बार चार साल बाद भी सरकार के खिलाफ कोई माहौल नहीं है। लोग कहते हैं कि मुख्यमंत्री भला आदमी है। कितना भला है यह आप जानते हो? भला मतलब लोग कहते हैं कि हमारा ध्यान रखता है, कोरोना में ध्यान रखा, भले का मतलब यही होता है। मुझे राजनीति आती नहीं है। मैं सेवा की राजनीति करता हूं और मेरा काम चल जाता है।

भाजपा नेताओं को दिल्ली से डांट पड़ती है
भाजपा पर हमला बोलते हुए गहलोत ने कहा 4 साल में विपक्ष पूरी तरह फेल हो चुका है। उन्हें दिल्ली से बार-बार डांट पड़ती है कि तुम कर क्या रहे हो। 4 साल तुम लोगों ने निकम्मापन क्यों दिखाया। इसका जवाब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व लगातार राजस्थान के नेताओं से पूछ रहा है। इसलिए बार-बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजस्थान आ रहे हैं। यह इनसे जब केंद्रीय नेतृत्व के नेता सवाल करते हैं तब इनके पास कोई जवाब नहीं रहता।

मोदी जी पड़ाव डाले या नड्डा जी आए कोई फर्क नहीं पड़ेगा
गहलोत ने कहा कि इस बार मेरी अंतरात्मा बोल रही है कि कोई भी हमारी कमियां बताएगा तो जनता उसे स्वीकार करने वाली नहीं है। इस बार चाहे राजस्थान में नरेंद्र मोदी पड़ाव डालें या नड्डा जी या आरएसएस के मोहन भागवत राजस्थान आए, कोई फर्क नहीं पडऩे वाला। इन लोगों ने राजस्थान को टारगेट बना रखा है, क्योंकि महाराष्ट्र, कर्नाटक, एमपी और गोवा जैसे राज्यों में हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार गिराई है। राजस्थान में यह लोग कामयाब नहीं हो पाएंगे। इसलिए मैं राजस्थान की जनता और विधायकों को इसलिए ही बार-बार धन्यवाद देता हूं। क्योंकि अगर वह लोग मेरा साथ नहीं देते तो आज मैं मुख्यमंत्री के रूप में यहां मौजूद नहीं होता।

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