भारत को वर्ष 2025 तक टीबी से मुक्त करने के लक्ष्य में राजस्थान की ओर से पहल की जायेगी। विशेष रूप से राजस्थान का प्रयास रहेगा कि वह देश में सबसे पहले टीबी मुक्त राज्य का दर्जा हासिल करे। यह बात राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला को वर्चुअली संबोधन में कही।
भारत के टीबी बहुल रोगियों वाले 5 राज्यों में है राजस्थान
उन्होंने कहा कि कार्यशाला में टीबी रोग के उपचार के लिए जिन नवीन तकनीकों की जानकारी दी गई है उन्हें राज्य के चिकित्सक उपचार के दौरान आवश्यक तौर पर अपनाएं। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि देश में प्रमुख तौर पर जिन पांच राज्यों में टीबी के मरीज पाएं जाते हैं उनमें राजस्थान भी सम्मिलित है। राज्य को टीबी रोग से मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में टीबी की त्वरित जांच के लिए 59 ट्रूनेट मशीनें स्थापित की गई हैं साथ ही चिकित्सा कार्य से जुड़े लोगों को भी समय-समय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।
राजस्थान के हर जिले की दो पंचायत समितियों को बनाया जा रहा है टीबी मुक्त
डॉ. शर्मा ने कहा कि टीबी मुक्त राज्य के प्रयासों में प्रत्येक जिले की दो पंचायत समितियों को चिन्हित कर उन्हें टीबी मुक्त घोषित करवाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से राजसमंद व भीलवाड़ा जिले में टीबी रोगियों की संख्या में खासी कमी आई है। इसको देखते हुए इन दोनों जिलों को भारत सरकार से कांस्य पदक से भी पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने खनन व निर्माण में लगे श्रमिकों व उनके परिवारजनों के कल्याण के लिए अक्टूबर 2019 में नई सिलिकोसिस नीति की घोषणा की गई है। इसमें सिलिकोसिस पीड़ितों की पहचान होने पर उन्हें तीन लाख रुपए की सहायता एवं मृत्यु होने पर दो लाख रुपए भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जांच के बाद अब तक 11 हजार 300 से अधिक लोगों को सिलिकोसिस प्रभावित से प्रमाणित किया जा चुका है।
टीबी रोगियों के प्रति बदल रहा है लोगों का नजरिया
डॉ. शर्मा ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतरीन कार्य करने वाले और सेमीनार में सम्मानित होने वाले टीबी चिकित्सकों व अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में आप सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। राज्य स्तरीय कार्यशाला में जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. के.के. शर्मा ने बताया कि कुछ समय पूर्व तक टीबी मरीजों को हेय दृष्टि से देखा जाता था लेकिन अब राज्य सरकार के प्रयासों से ना केवल उनका समुचित उपचार किया जा रहा है अपितु समाज ने भी उनके प्रति नजरिया बदला है।
टीबी उन्मूलन लक्ष्य को बांसवाड़ा, जयपुर और करौली ने 75 फीसदी तक पूरा किया
राज्य टीबी अधिकारी डॉ विनोद गर्ग ने बताया कि टीबी उन्मूलन में राजस्थान बेहतर कार्य कर रहा है। प्रदेश के बांसवाड़ा, जयपुर और करौली जिले 75 प्रतिशत से अधिक निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण करने में सफल रहे है। इस अवसर पर आरसीएच निदेशक डॉ लक्ष्मण सिंह ओला ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में टीबी उन्मूलन में वर्ष 2019 के लिए पाली को प्रथम, बारां को द्वितीय और झालावाड़ को तृतीय पुरस्कार दिया गया। वहीं 2020 के लिए पाली ने प्रथम व बारां व प्रतापगढ़ ने द्वितीय स्थान हासिल किया। कार्यक्रम में सभी जिलों से आए टीबी अधिकारी व संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।