मुख्यमंत्री ने की धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा
धर्मस्थल खोलने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
जयपुर। अनलॉक-1 की शुरूआत के साथ ही पूरे देश में धार्मिक स्थलों को खोलने की तैयारियां तेज हो गई है, लेकिन राजस्थान में धर्मस्थल खोलने का काम एक महीने टल सकता है। धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए चर्चा की। चर्चा के बाद तय किया गया कि धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी, जो इनको खोलने का निर्णय लेगी।
गहलोत ने कहा कि कमेटी धार्मिक स्थलों की स्थिति, सोश्यल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल के साथ संक्रमण से बचाव के विभिन्न उपयों पर चर्चा कर इस संबंध में सुझाव देगी। कमेटी में पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ सभी धर्मों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए धर्मस्थलों को खोलने में आपके सुझाव महत्वपूर्ण है। गहलोत ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आने वाले समय में कोरोना की स्थिति और विकट हो सकती है। ऐसे में धर्मगुरु, संत-महंत, धार्मिक संगठन लोगों को जागरुक कर इस चुनौति से निपटने मे अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाएं। लोगों को हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के लिए जागरुक करें। धर्मगुरुओं के संदेश से समाज में अच्छा प्रभाव जाता है।
बैठक में शामिल गलतातीर्थ के महंत अवधेशाचार्य ने बताया कि सभी धर्म स्थलों के प्रतिनिधि इस बात पर सहमत दिखे कि एक बार तो धर्म स्थलों को खोलने का मामला 30 जून तक आगे बढ़ाया जाए। प्रबंधक धर्म स्थलों को खोलना तो चाहते हैं, लेकिन वह अपने स्तर पर हैल्थ प्रोटोकॉल को लागू कराने में सक्षम नहीं है। बैठक में गोविंद देव मंदिर, चांदपोल चर्च, जौहरी बाजार स्थित मस्जिद और गोविंद देव मंदिर के पास स्थित गुरुद्वारे के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल इस लड़ाई में भरपूर सहयोग दें। मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने कहा कि धर्म स्थलों को खोलने और हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना में आपके सुझाव महत्वपूर्ण होंगे।