राजनीति

अमरीकी संसद में घुसने की कोशिश कर रहे ट्रम्प समर्थकों को रोकने की कोशिश में 4 मारे गए 54 गिरफ्तार

दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमरीका के लिए बुधवार का दिन काला दिन साबित हुआ। वहां के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हजारों समर्थक संसद भवन में घुस आए। इनमें से कई ट्रम्प समर्थक तो हथियारों से लैस थे। पुलिस को इन्हें रोकने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

हालात ऐसे बने कि प्रतिनिधि सभा और सीनेट को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में एक महिला सहित चार लोग मारे गए और 54 को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के बाद वॉशिंगटन डीसी में आपातकाल लगा दिया गया।

संसद में जो बाइडेन को राष्ट्रपति पद के लिए सत्यापित किया जाना था

बताया जाता है कि ट्रम्प समर्थकों ने यह हमला अमरीकी कांग्रेस द्वारा जो बाइडेन को राष्ट्रपति के तौर सत्यापित किये जाने से रोकने के लिए किया था। अमरीका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में बाइडेन को 306 इलेक्टोरल वोट मिले थे और वहां इन्हीं इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गिनती चल रही थी। कांग्रेस से सत्यापन के बाद उन्हें 20 जनवरी को राष्ट्रपति का पद संभालना है। ट्रम्प समर्थकों के हमले के बाद कांग्रेस एक बार फिर जुटी और उसने बाइडेन को राष्ट्रपति पद के लिए सत्यापित कर दिया।

शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता हस्तांतरित करेंगेः ट्रम्प

उधर, निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वे हारे नहीं है और 20 जनवरी को शांति के साथ सत्ता हस्तांतरित करने की कार्रवाई करेंगे। जबकि वास्तविकता यह है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर दंगा करने वालों को राष्ट्रभक्त बताया था। बुधवार को उन्होंने अपने समर्थकों को संसद पहुंचने का आह्वान किया था। संसद पर हमले के बाद सोशल मीडिया पर उनके अकाउंट ब्लॉक कर दिये गये।

अमरीका के इतिहास का काला दिन

अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमरीका में हुई इस घटना को अमरीका के इतिहास का काला दिन बताया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे इस घटनाक्रम से बेहद दुखी हैं। यही नहीं डोनाल्ड ट्रम्प की पार्टी रिपब्लिकन ने भी इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उधर, इलिनाय के गवर्नर ने डोनाल्ड ट्रम्प पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया। एंटीट्रस्ट सब कमेटी के चेयरमैन डेविड सिसिनीन ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि अमरीकी संविधान के 25वें संशोधन के अनुसार यदि उपराष्ट्रपति और कैबिनेट को लगता है कि राष्ट्रपति अपना दायित्व निभा पाने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें पद मुक्त किया जा सकता है।

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