कोरोना महामारी के बढ़ रहे खतरे के मद्देनजर राजस्थान में वर्तमान की 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन की क्षमता को बढ़ाकर 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला चिकित्सालयों में स्थित माइक्रोबायोलॉजी लैब में 44 नई आरटीपीसीआर मशीन और 28 नई ऑटोमैटिक आरएनए एक्सट्रेक्शन मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला चिकित्सालयों में वर्तमान में 35 माइक्रोबायोलजी लैब में कोविड की निशुल्क जांच की जा रही है। जांच क्षमता बढ़ाने के लिए इन प्रयोगशालाओं में रीजेंट रेंटल आधार पर 44 नई आरटीपीसीआर मशीन लगाई गई हैं।
इस प्रक्रिया में विक्रेता द्वारा प्रति 40 हजार किट्स पर एक मशीन निशुल्क उपलब्ध कराई जानी थी। गालरिया ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट करने के लिए 17 लाख 60 हजार किट्स का क्रय किया गया है। विक्रेता द्वारा इन 17.60 लाख किटों पर लगभग 14 लाख रुपये प्रति मशीन लागत की 44 मशीनें निशुल्क उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि इतनी किटें 20 से 25 दिन की आवश्यकता के लिए पर्याप्त हैं।
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि आरटीपीसीआर जांच में वृद्धि के लिये ऑटोमैटिक आरएनए एक्सट्रेक्शन मशीन की भी आवश्यकता होती है। रीजेंट रेंटल आधार पर प्रति 60 हजार किट पर एक आरएनए एक्सट्रेक्शन मशीन विक्रेता द्वारा निशुल्क प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि जांच क्षमता को 1 लाख प्रतिदिन करने के लिए इस मशीन की 16 लाख 80 हजार किट्स खरीदी गई हैं। इस प्रक्रिया में करीब 30 लाख रुपये प्रति मशीन लागत की 28 आरएनए एक्सट्रेक्शन मशीनें निशुल्क प्राप्त हुई हैं।