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मावठे में आया पानी कहीं बह नहीं जाए

जयपुर। गत वर्ष जयपुर में अच्छा मानसून होने के बावजूद आमेर का मावठा रीता रह गया था। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मावठे को बीसलपुर के पानी से भरवाया, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पर्यटन व्यवसाय ही ठप्प पड़ गया। अब आशंका जताई जा रही है कि कहीं जतन से भरा गया यह पानी बह नहीं जाए।

मावठे के सूखने पर गाइड एसोसिएशनों ने मुख्य सचिव से मांग की थी कि मावठे को बीसलपुर के पानी से भरा जाए, नहीं तो शहर के पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। यह मामला तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री के. जे. अल्फोंज के पास भी पहुंचा था। केंद्र तक पहुंचने के बाद तय किया गया कि विश्व विरासत स्थल बन चुके आमेर महल के लिए प्रस्तावित आइकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट के तहत मावठा और दो सागर बांधों का सर्वे कराया जाए, ताकि इनको गहरा करने, पानी आवक के रास्ते खोलने और पाल की मरम्मत का कार्य हो सके।

नहीं हो पाई बैठक

गत वर्ष इस प्रोजेक्ट की पहली बैठक हुई थी। कहा गया था कि राज्य में विधानसभा चुनाव होने के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली दूसरी बैठक में बांधों पर निर्णय ले लिया जाएगा, लेकिन लंबे अंतराल के बाद अभी तक प्रोजेक्ट की दूसरी बैठक नहीं हो पाई है, जिससे इन बांधों की मरम्मत का काम रुका हुआ है।

लिया पानी डालने का निर्णय

शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल आमेर के नीचे बने मावठा बांध में गत वर्ष बारिश का पानी नहीं आया था और यह बिलकुल सूख गया था। पर्यटकों और पशु-पक्षियों की जरूरतों को देखते हुए सरकार ने मावठे में बीसलपुर का अतिरिक्त पानी डालने का निर्णय लिया। अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच इसमें बड़ी मात्रा में पानी डाला गया, ताकि पर्यटन पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े।

नौ साल पुरानी पाइपलाइन का उपयोग

रियासत काल में बना मावठा बांध जर्जर हो चुका है। पिछले कई दशकों से इसमें पानी नहीं रुकने की समस्या बनी हुई है। आमेर महल के पीछे स्थित छोटा और बड़ा सागर में भी लीकेज की समस्या है, जिसके चलते यह भी जल्द ही खाली हो जाते हैं। वर्ष 2011 में भी यह पूरी तरह सूख गया था। तब सरकार ने इसको भरने के लिए 50 लाख की लागत से बृह्मपुरी के पम्प हाउस से मावठे तक 7 किलोमीटर लंबी और 10 इंच मोटी पाइप लाइन बिछाई थी और इसमें पानी डाला गया था।

लंबे समय तक नहीं हो पाएगी मरम्मत

वल्र्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.एम. खत्री का कहना है कि हमने मावठे की मरम्मत और पानी भरने की मांग की थी। बिना मरम्मत इसमें पानी भरा गया है, जिससे इस पानी के व्यर्थ बहने की आशंका है। यदि इस वर्ष भी मावठे में पानी की आवक नहीं होती है तो सरकार को इसकी मरम्मत करानी चाहिए।

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