जयपुर

ईको सेंसेटिव जोन में बसी जयपुर की 34 कॉलोनियों को राहत मिलने के आसार

सरकार ने नाहरगढ़ अभ्यारण्य के नक्शे को दोबारा वेरिफाइ करने के लिए बनाई कमेटी

जयपुर। राजधानी के नाहरगढ़ अभ्यारण्य के ईको सेंसेटिव जोनमें बसी जयपुर की लगभग 34 कॉलोनियों सरकार बड़ी राहत देने की कोशिशों में लगी है। इन कॉलोनियों में बने मकानों का नियमन का रास्ता साफ करने के लिए सरकार ने नाहरगढ़ अभ्यारण्य के नक्शे को दोबारा सत्यापित करने के लिए एक कमेटी बनाई है।

नाहरगढ़ अभ्यारण्य के ईको सेंसेसिटव जोन का नक्शा 2012 में तैयार किया गया था। इस नक्शे को पुन: सत्यापित करने के लिए संयुक्त शासन सचिव, तृतीय, नगरीय विकास विभाग के निर्देशों के अनुसार अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम की अध्यक्षता में यह कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में भू प्रबंध अधिकारी जयपुर, अतिरिक्त आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण, अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम हेरिटेज, संबंधित तहसीलदार को सदस्य बनाया गया है, जबकि जिला वन अधिकारी जयपुर को सदस्य सचिव बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि नाहरगढ़ अभ्यारण्य के ईको सेंसेटिव जोन में बसी इन कॉलोनियों के निवासी पिछली गहलोत सरकार के समय से ही पट्टों के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन नगरीय निकायों ने इन्हें पट्टे नहीं दिए। इस बार भी प्रशासन शहरों और गांवों के संग शुरू होते ही इन लोगों ने फिर से पट्टों के लिए प्रयास शुरू कर दिया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात समान निकला और नगरीय निकायों ने इन्हें जवाब दे दिया कि ईको सेंसेटिव जोन में होने के कारण इन्हें पट्टे नहीं दिए जा सकते हैं, जबकि इनके मकान ईको सेंसेटिव जोन के अंदर पडऩे वाली रेवेन्यू लैंड पर बने हैं। नगरीय निकायों से जवाब मिलने के बाद यहां के लोग इस मामले को एनजीटी में लेकर पहुंच गए और एनजीटी के निर्देशों के बाद यह कमेटी बनाई गई है।

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