जयपुरताज़ा समाचार

जयपुर शहर के आस-पास की वन भूमियों को ईको-टूरिज्म के रूप में किया जाएगा विकसित

जयपुर। नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जयपुर शहर के आस-पास स्थित वन भूमियों को ईको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने वाली 6 परियोजनाओं को अनुमति प्रदान की है।

इस संबंध में बुधवार को दोपहर धारीवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण रवि जैन द्वारा जयपुर शहर के आस-पास स्थित वन भूमियों को ईको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने वाली 6 परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण दिया गया।

प्रस्तुतीकरण में बताया गया है कि आद्रभूमि संवर्द्धन मुहाना परियोजना का विकास 244 हैक्टर भूमि जो नेवटा बांध के बैक वाटॅर से वॉटरलोगिंग क्षेत्र वनखण्ड मुहाना में स्थित है, जहां राशि 8 करोड़ रुपए की लागत से किया जायेगा। क्षेत्र के अधिकांश भाग में वर्ष भर पानी रहता है। यह स्थान वेटलैण्ड बर्डस, माईग्रेटरी व रेजीडेंट बर्डस के लिए अत्यंत उपयोगी है। यहां पर लगभग 80 प्रजातियों के पक्षी प्रवास करते है।

सिल्वन जैव विविधता वन परियोजना का विकास आगरा रोड़ घाट की गुणी से लगभग 5 कि.मी. दूर स्थित सुमेल रोड पर 113 हैक्टेयर वन विभाग की भूमि पर 7.6 करोड़ रुपए की लागत से किया जायेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा वर्ष 2021-22 की पालना में जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजनान्तर्गत अरावली में पायी जाने वाली लुप्त प्रायः वनस्पतियों एवं पूर्व से लगे बेर के पौधों का संरक्षण किया जायेगा तथा यहां पर 5000 पौधे फायर लेन, घास एवं झाड़िया लगाकर सघन वृक्षारोपण किया जायेगा। साथ ही तितली प्रजनन, मोर संरक्षण, चीतल प्रजनन क्षेत्र विकसित किये जायेंगे। विकास के पश्चात् यह क्षेत्र पूर्णतया ईकोफ्रेण्डली होगा।

जैव विविधता गोनेर परियोजना 107 हैक्टर भूमि पर 6.8 करोड़ रुपए की लागत से विकसित की जायेगी। यह क्षेत्र रिंगरोड के नजदीक है एवं यहां कि आबादी बढती जा रही है। क्षेत्र को अतिक्रमण से प्रभावित नहीं होने देने, आबादी को स्वच्छ व शुद्ध वातावरण प्रदान करने व वन्यजीवों के लिए अच्छा आवास उपलब्ध कराने के लिए उक्त प्रोजेक्ट में पौधारोपण, मृदाजल संरक्षण, चैकी इत्यादि कार्य किये जायेंगे।

आमागढ आरक्षित वन में तेंदुआ संरक्षण परियोजना 1636 हैक्टर भूमि पर 10.8 करोड़ रुपए व्यय कर खो नागोरियान वनखण्ड के वनक्षेत्र के पास स्थित आमागढ व लालवेरी वन क्षेत्र को विकसित किया जायेगा। योजना के पूर्ण होने से झालाना लेपर्ड रिजर्व में लेपर्ड, जरख, रेटल व अन्य प्रजातियों का संरक्षण हो सकेगा। इस क्षेत्र में लेपर्ड की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। परियोजना से वनक्षेत्र एवं वन्यजीवों का आवास विकसित होगा एवं पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगा।

टाईगर सफारी परियोजना का विकास नाहरगढ जैविक उद्यान जो नाहरगढ अभयारण्य के भाग में 720 हैक्टर क्षेत्र में फैला है, में 4.53 करोड़ रुपए की लागत से किया जायेगा। यह क्षेत्र आमेर पर्यटन क्षेत्र के नजदीक है। क्षेत्र में पूर्व में जूलोजिकल पार्क, लॉयन सफारी के विकसित होने से पर्यटको की संख्या में वृद्धि हो रही है। नाहरगढ जैविक उद्यान में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव एवं 285 प्रजातियों के पक्षी विचरण करते है। यह क्षेत्र अरावली पर्वतमाला की पहाडियों में स्थित होने के कारण यहां का वातावरण अत्यन्त सुरम्य एवं काफी सुखद है।

कालवाड रोड पर जैव विविधता वन परियोजना बीड गोविन्दपुरा (आरक्षित वन) के 147 हैक्टेयर क्षेत्र में से 100 हैक्टर भूमि को 50 लाख की लागत से विकसित किया जायेगा। यह क्षेत्र सघन आबादी के मध्य स्थित है। परियोजना के निर्माण से यहां का वातावरण अत्यंत सुरम्य होगा तथा क्षेत्र के निकटस्थ निवासियों व वन क्षेत्र में भ्रमण करने वालो को शुद्ध वातावरण मिलेगा एवं वन्यजीवों व पक्षियों का आवास भी सृुदृढ होगा तथा संभावित अनाधिकृत अतिक्रमण से मुक्ति मिलेगी।

Related posts

राजनीति में उलझे जनप्रतिनिधि और निगमों के कामचोर अधिकारी कर्मचारियों के बीच जयपुर की जनता को छोड़ देना चाहिए सालभर सफाई का सपना

admin

राजस्थान में एमनेस्टी स्कीम 2021 (amnesty scheme 2021) जारी, 565 औद्योगिक इकाईयों (industrial units) को मिलेगी राहत

admin

प्रचंड चक्रवात का अलर्ट, 4 जून तक मूसलाधार बरसात की संभावना

Clearnews