जयपुर

भाजपा ने अलवर के गोविंदगढ़ में चिरंजी लाल सैनी की मॉब लिंचिंग की कड़े शब्दों में निंदा की

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण चतुर्वेदी ने एक वक्तव्य जारी कर चिरंजी लाल सैनी की एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा घेर कर हत्या करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि एक साधारण व्यक्ति जो दैनिक कार्य करके अपना घर चलाता था, बिना किसी कारण के जिस प्रकार उसकी हत्या की गई यह मॉब लिंचिंग का स्पष्ट उदाहरण है।

उदयपुर में कन्हैया लाल और उसके बाद गोबिंदगढ़ में चिरंजीलाल को एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा घेर कर मारने की घटना ने आम आदमी के मन से राजस्थान में कानून के शासन के भ्रम को पूरी तरह निकाल दिया है। यह और अधिक चिंता को बढ़ाता है क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो की रिपोर्ट के हिसाब से देश में अपराध के मामले में राजस्थान एक नंबर पर हैं और उसमें भी अलवर जिला राजस्थान में नंबर एक पर आता है।

अपेक्षा थी कि राजस्थान की सरकार लगातार हो रही घटनाओं से सबक लेकर अपनी कानून व्यवस्था को मजबूत करेगी लेकिन जाती हुई सत्ता के भागीदारों के द्वारा मलाई खाने की होड़ में जिस प्रकार से थाने और चौकी आज सत्ताधारी दल के विधायकों के रहमों करम पर हैं उसने राजस्थान में और विशेषकर अलवर में इस प्रकार की घटनाओं को और अधिक चिंताजनक स्थिति में पहुंचाया है। किसी भी कारण से होने वाली हत्याओं के ऊपर तुरंत प्रतिक्रिया देने वाले तथाकथित मानव अधिकारों की बात करने वाले नेता और संगठन भी आज मौन हैं, क्योंकि चिरंजीलाल की हत्या के ऊपर वक्तव्य उनके वोट को पक्का करने का काम नहीं करता। चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस घटना के ऊपर बिना किसी रंग को देखें, जातीय समाज को देखें तुरंत सख्त से सख्त कार्रवाई कर आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाएं।

पैरामिलीट्री फोर्स पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी उनकी सोच को दर्शाती है
स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं जिस प्रकार के आरोप पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस के जवानों के ऊपर लगाए, उससे उनकी सेना और पुलिस के प्रति कैसी सोच है यह स्पष्ट रूप से प्रकट होती है। भाजपा इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है।

चतुर्वेदी ने एक वक्तव्य जारी करके मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि स्वाधीनता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा जिस प्रकार के आरोप लगाए गए, वह मुख्यमंत्री की राजनीतिक हताशा एवं कुंठा को प्रकट करता है। अच्छा होता मुख्यमंत्री आरोप लगाने के स्थान पर अगर इस प्रकार का कोई प्रमाण आपकी जानकारी में आया था तो आप कार्रवाई करते। यह वक्तव्य देकर मुख्यमंत्री ने ना केवल एक राजनीतिक मर्यादा का उल्लंघन किया, बल्कि जब सारा देश हमारे सैनिकों के प्रति नतमस्तक होकर उनके प्रति सम्मान प्रकट कर रहा था, उस समय मुख्यमंत्री पैरामिलिट्री फोर्सेज और पुलिस के जवानों के उल्लेखनीय कामों की चर्चा करने के स्थान पर उनके द्वारा जो काम कभी नहीं किया गया इस प्रकार का स्तरहीन, आधारहीन आरोप लगाकर हमारे शूरवीर सैनिकों का अपमान करने का काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री को तुरंत अपने इस वक्तव्य को वापस लेना चाहिए और अपने इस कृत्य की क्षमा याचना करनी चाहिए।

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