जयपुर

पेपर लीक प्रकरण में किरोड़ीलाल मीणा का बड़ा खुलासा, पेपर लीक में काम कर रही थी पूरी गैंग आरपीएससी की गोपनीय शाखा पर खड़े किए सवाल

जयपुर। राजस्थान में हाल ही में हुए पेपर लीक प्रकरण के बाद से ही सियासत गर्माई हुई है। पेपर लीक प्रकरणों में मुखरता से सरकार को आड़े हाथों लेने वाले भाजपा सांसद डा किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार ​फिर सरकार को इस मामले में घेरा है और कहा है कि पूर्व में भी उनके द्वारा इस गैंग में शामिल लोगों के नाम उजागर किए गए थे, लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जयपुर में प्रेस वार्ता करते हुए किरोड़ीलाल मीणा ने सैकंड ग्रेट टीचर भर्ती पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी सुरेश ढ़ाका के पूरे गैंग का खुलासा किया है। मीणा ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए आरपीएससी की गोपनीय शाखा पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि इसी शाखा के अधीन आने वाले मॉडरेटर ने ही पेपर लीक किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरपीएससी के कर्मचारियों ने 15 दिन पहले ही सुरेश ढाका और भूपेंद्र को पेपर दे दिया था। उनका ये भी आरोप है कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का पेपर 3 हजार लोगों तक पहुंचा है। अलग अलग शहरों जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, दौसा, कोटा तक ये पेपर पहुंचा है। ऐसे में पूरी भर्ती परीक्षा को रद्द कर इस मामले की CBI से जांच होनी चाहिए। क्योंकि नकल प्रकरण में राजस्थान सरकार के कई प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता भी शामिल है। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया। तो मैं जनता के साथ में सरकार के खिलाफ अभियान की शुरुआत करूंगा।

मीणा ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में सुरेश ढ़ाका की पूरी गैंग का खुलासा करते हुए एक एक नाम सामने रखे। जिसमें पहला नाम महेंद्र विश्नोई का है जो रेलवे में डिप्टी है। विश्नोई हैकर का काम करता है और अब तक रेलवे, टैक्निकल हेल्पर, जेईई, सीएचओ, एमपी, यूपी, रेलवे प्रमोशन के अलावा संविदा पर ANM GNM की परीक्षाओं में पेपर लीक कर चुका है। इसके अलावा सुरेश ढ़ाका का छोटा भाई कमलेश भी इसमें शामिल है। सुनील सारण और देवीलाल, जिन्होंने साइट बनाकर SS, GK और हिंदी पढ़ाया।

मीणा ने बताया कि इस गैंग में बाड़मेर के धोरीमन्ना का रहने वाला रुपाराम भी शामिल है जो रूस में रहकर एमबीबीएस भी कर रहा है। डावल निवासी नरेश बिश्नोई के अलावा एलडीसी सुनील भादू जो हेडमास्टर सुरेश साहू का राइट हैंड है। जोधपुर में इस पेपर लीक के काम को बनवारी लाल देख रहा था। बनवारी सुरेश ढ़ाका का मित्र है। बीकानेर में सुनील ने काम संभाला। सुनील कोचिंग पार्टनर भी है। उसने दो दिन पहले अभ्यर्थियों को जीके का पेपर पढ़वाया। इसके साथ साथ राजू ढ़ाका, मदन पंप वाला और मनोहर लाल भी शामिल है। मीणा ने दावा किया कि इस गैंग में शामिल मनोहर लाल राजस्थान सरकार के एक मंत्री का स्टाफ है। मनोहर पेपर वाली बस के साथ गाड़ी में था और वो LDC भी है।

मीणा ने कहा कि सुरेश ढ़ाका जयपुर में लंबे समय से उमंग कोचिंग चलाता है। इससे पहले भी तमाम भर्तियों में नकल में उमंग कोचिंग का नाम आया था। जिसके बाद उसने नाम बदलकर उमंग से अधिगम कर दिया। मीणा ने कहा कि मैनें आरएएस परीक्षा 2018, आरएएस परीक्षा 2021 के अलावा राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक को लेकर जब प्रेस वार्ता की तब भी सुरेश ढ़ाका के नाम का खुलासा किया था, लेकिन सरकार और जांच एजेंसियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। सुरेश ढ़ाका अपने मित्र भूपेंद्र उर्फ भूपी के साथ मिलकर पेपर लीक करते है। लेकिन दोनों पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

सांसद मीणा ने कहा कि राजस्थान सरकार के राज में अब तक 16 भर्ती परीक्षाएं आयोजित हुई है। जिनमें से 10 भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक हुआ है। जिससे लाखों युवाओं का भविष्य खतरे में आ गया है ऐसे में इस पूरे प्रकरण की CBI से जांच होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ। तो मैं सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ूंगा और युवाओं के साथ बड़ा आंदोलन करूंगा।

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