भ्रष्टाचार के आरोप में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी को इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी पुलिस की बजाय पाकिस्तानी रेंजर्स ने की। इमरान खान की गिरफ्तारी के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ बताया जा रहा है और इसका कारण भी है कि वे कुछ महीनों से सेना के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए थे। उन्होंने तो एक दिन पहले ही खुफिया एजेंसी आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर पर अपनी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था लेकिन पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान के इन दावों का खंडन करते हुए उनके इस आरोप को बेबुनियाद बताया था।
जानकारी मिली है कि इमरान खान इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमैट्रिक रूम में बैठे थे। इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स ने पुलिस से दरवाजा खोलने के लिए कहा। जब पुलिस ने दरवाजा नहीं खोला तो रेंजर्स ने शीशा तोड़कर पेपर स्प्रे करके इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया।
इस दौरान घटनास्थल पर मौजूद इमरान खान के वकील अली गौहर ने बताया कि रेंजर्स ने उनके मुवक्किल के सिर पर रॉड मारी और जख्मी टांग पर भी चोट पहुंचाई। उनकी गिरफ्तारी अल-कादिर ट्रस्ट मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने की। हालांकि, इस मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामाबाद के आईजी, मुख्य सचिव और एनएबी के डीजी को तलब किया। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई भी शुरू कर दी है।
बता दें कि इमरान खान को अप्रेल 2022 में सत्ता से हटा दिया गया था। इसके बाद से ही वे पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे थे। उन्होंने सार्वजनिक रैलियों से लेकर इंटरव्यू तक में अपनी सरकार गिराए जाने के पीछे पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का हाथ बताया था। इमरान ने कहा था कि जनरल बाजवा ने सेना प्रमुख रहने के दौरान पैसा कमाया और अवैध संपत्तियां बनाई। बाद में इमरान खान ने अपने ऊपर हुए हमले को लेकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पर आरोप लगाया था। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आईएसआई प्रमुख के पद पर नदीम अंजुम की नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी। इसके बाद उन्होंने जनरल बाजवा के कार्यकाल बढ़ाने से भी इनकार किया।