देश-दुनिया के रामभक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी है। श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राममंदिर जनवरी 2024 में खुल जाएगा। इसके साथ ही 24 जनवरी से भव्य गर्भगृह में रामलला का दर्शन भक्तों को मिलने लगेगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मकर संक्रांति से शुरू होगा। भव्य गर्भगृह में रामलला को विराजित करने पीएम नरेंद्र मोदी भी अयोध्या आएंगे।
161 फीट ऊंचे भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि सामने आ गई है। एक न्यूज चैनल को दिए गए साक्षात्कार में राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि दिसंबर 2023 तक राममंदिर भक्तों के दर्शन के लिए तैयार हो जाएगा। तीन मंजिला राममंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है।
उन्होंने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारियों के अनुुसार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा मकर संक्रांति के बाद होनी चाहिए। ऐसे में 14-15 जनवरी 2024 से 24 जनवरी के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान संपन्न कर लिया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 10 दिवसीय होगा। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि 24-25 जनवरी से भव्य गर्भगृह में भक्तों को रामलला का दर्शन प्राप्त होने लगेगा।
ज्योतिषियों ने निकाली थीं चार तिथियां
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए ट्रस्ट ने देश के शीर्ष ज्योतिषियों से मुुहूर्त निकलवाए हैं। ज्योतिषियों की ओर से दिए गए शुभ मुुहूर्त में 21, 22, 24 व 25 जनवरी की तिथि शामिल हैं। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है, क्योंकि यह सबसे उत्तम तिथि बताई जा रही है। यह भी तय है कि रामलला को नए घर में विराजमान करने पीएम मोदी आएंगे।
पीएम करेंगे रामलला को विराजित
15 जून को भरतकुंड में आयोजित जनसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इससे पहले अयोध्या सुंदरतम नगरी बन जाएगी। वहीं, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से पीएम मोदी को आमंत्रण भी भेजा जा चुका है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला की अचल मूर्ति के निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। नवंबर तक मूर्ति बनकर तैयार हो जाएगी।
रामभक्तों ने छोड़ दी थी मंदिर निर्माण की आशा: नृपेंद्र
नृपेंद्र मिश्र ने साक्षात्कार के दौरान कहा कि एक समय था, जब रामभक्तों ने राममंदिर निर्माण की आशा ही छोड़ दी थी। इस बीच जब 2019 में 500 साल तक चले लंबे संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट से राममंदिर के हक में फैसला आया तो पूरे देश में उत्साह छा गया। इसके बाद जब मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हुआ तो रामभक्तों में मंदिर निर्माण की आशा फिर जगी। आज सदियों की कल्पना साकार रूप ले रही है।
राममंदिर की मुख्य संरचना
कुल निर्मित क्षेत्र-57,400 स्क्वाॅयर फीट
मंदिर की लंबाई-360 फीट
मंदिर की चैड़ाई-235 फीट
मंदिर की ऊंचाई-161 फीट
मंदिर तीन तल का होगा
प्रत्येक तल की ऊंचाई-20 फीट
भूतल के स्तंभों की संख्या-160
प्रथम तल में स्तंभों की संख्या-132
दूसरे तल में स्तंभों की संख्या-74
मंदिर में द्वारों की संख्या-12
राममंदिर की सीढ़ियां-32