जयपुरधर्म

सावन के इस पावन माह में एक बार यहाँ जाएं और 108 शिव मंदिर पूजा का फल पाएं

सावन का महीना आज से यानि 4 जुलाई से शुरू हो चुका है। शिव भक्तों को भक्ति के लिए ये अच्छा अवसर है क्योकि इस बार अधिमास होने की वजह से काफी सालों बाद ऐसा मौका मिल रहा है,जब भगवान शिव के अतिप्रिय सावन के दो महीने होंगे। इस वजह से शिवभक्तों को देशभर में फैले भगवान शिव के विभिन्न मंदिरों में जाकर उनकी पूजा-अर्चना करने का मौका भी मिल जाएगा। इसीलिए आज हम आपको पश्चिम बंगाल राज्य के पूर्व बर्दवान जिले में स्थित एक खास शिव मंदिर के बारे में बता रहे हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि एक बार यहां भगवान शिव की पूजा करने से आपको 108 बार भोलेनाथ की पूजा करने का फल मिलता है। क्योंकि यहां, एक ही मंदिर परिसर में महादेव के 108 शिवलिंग स्थापित हैं।भगवान शिव के इस अनोखे मंदिर के बारे में विस्तार से बताते हैं।
“नव कैलाश 108 शिव मंदिर” का इतिहास
मंदिरों के शहर के रूप में प्रसिद्ध बर्दवान के अंबिका कालना में स्थित नव कैलाश मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। लोक मान्यता के अनुसार एक रात राजा तिलकचंद की विधवा पत्नी रानी बिष्णुकुमारी को सपने में भगवान शिव ने इस मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था। इसके बाद ही वर्ष 1809 में महाराजा तेज चंद्र बहादूर द्वारा इस मंदिर का निर्माण विष्णुपुर की शाही संपत्ति के हस्तांतरण के जश्न के तौर पर किया गया। ग्रामीण बंगाल के पारंपरिक आठचाला संरचना के आधार पर बना यह मंदिर टेराकोटा के काम का उत्कृष्ठ नमूना है।
एक बार की पूजा में 108 बार की पूजा का पुण्य
अध्यात्म में नंबर 108 का काफी महत्व है और नव कैलाश शिव मंदिर परिसर में एक ही स्थान पर 108 शिवलिंग स्थापित हैं। प्रत्येक शिवलिंग के लिए छोटे-छोटे आकार में आठचाला संरचना वाली मंदिर बनायी गयी है। इस तरह एक विशाल क्षेत्र में दो स्तरों में गोलाकार में कुल 108 मंदिर बनाए गये हैं। पहली गोलाई में 74 और दूसरी गोलाई में 34 शिव मंदिर हैं। इस परिसर में स्थित सभी मंदिरों की दिवारों पर रामायण और महाभारत के दृश्य अंकित हैं।
सफ़ेद व काले दोनों शिवलिंग हैं यहाँ
इन 108 शिव मंदिरों में पूजा की जिम्मेदारी 12 पुजारियों के कंधे पर है। मंदिर परिसर की बाहरी गोलाई के सभी मंदिरों में काले रंग के शिवलिंग और अंदर की गोलाई के सभी मंदिरों में सफेद रंग के शिवलिंग स्थापित हैं। कहा जाता है कि सफेद रंग का शिवलिंग महादेव की शांत मुद्रा और काले रंग का शिवलिंग उनके रुद्रावतार का प्रतीक है।
कहां स्थित है नव कैलाश शिव मंदिर
शिव मंदिर जिसे नव कैलाश शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, वह पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले में अंबिका कालना गांव में कालना राजबाड़ी (राजमहल) के प्रांगण में स्थापित है। साल भर इस मंदिर में स्थानीय और दूर-दूर से आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन खास तौर पर सावन के महीने में इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
जानें मंदिर खुलने का समय
108 नव कैलाश शिव मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 12 और शाम को 4 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है। सावन और शिवरात्री के समय यहां शिव भक्तों के लिए विशेष आयोजन किया जाता है। वर्ष 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार से मिले फंड से यहां पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी। मंदिर ट्रस्ट इस स्थान पर भक्तों के लिए गेस्ट हाउस का निर्माण भी करवा रही है।
नव कैलाश 108 शिव मंदिर पहुँचने का मार्ग
अंबिका कालना, महानगर कोलकाता से करीब 80 किमी की दूरी पर है। अगर आप इस मंदिर में ट्रेन से आना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले हावड़ा आना होगा। वहां से हावड़ा-कटवा रेलखंड पर लोकल ट्रेन से आप अंबिका-कालना पहुंच सकते हैं। स्टेशन से इस मंदिर तक के लिए आपको ई-रिक्शा या टोटो आसानी से मिल जाएगी। विमान से आने पर नव कैलाश शिव मंदिर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट अंडाल या फिर नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, कोलकाता होगा।
यहाँ से अंबिका-कालना तक के लिए आपको कैब या टैक्सी आसानी से उपलब्ध है। सड़क मार्ग से आने पर कोलकाता से आपको अंबिका कालना के लिए सीधी बस सेवा मिल जाएगी। कोलकाता बस टर्मिनस से एसी व नॉन-एसी दोनों प्रकार की बस सेवा उपलब्ध है।

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