अफगानिस्तान में जब से तालिबान की सरकार बनी है, पाकिस्तान से उसके संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। जिस तालिबान के समर्थन में पाकिस्तान ने हमेशा झंडा उठाया है, वो ही तालिबान अब पाकिस्तान को आंखें दिखाने लगा है। तालिबान ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए कहा है कि पाकिस्तानी तालिबानी आतंकी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ‘टीटीपी’ अफगानिस्तान में नहीं, बल्कि पाकिस्तान में हैं। इससे पहले कई बार पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के हुक्मरानों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे अपनी धरती से टीटीपी को न पलने दें।
अफगानिस्तान में नहीं हैं टीटीपी आतंकी
पाकिस्तान और तालिबान के बीच तहरीक-ए-तालिबान आतंकयिों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने साफ तौर पर पाकिस्तान सरकार से कह दिया है कि टीटीपी आतंकी अफगानिस्तान के अंदर नहीं हैं। सुहेल शाहीन ने कहा कि टीटीपी के आतंकी पाकिस्तान के कबायली इलाके में मौजूद हैं और इसलिए ये आतंकी इस्लामाबाद की जिम्मेदारी हैं, न कि हमारी।
पाकिस्तान के गले की हड्डी बन गए हैं टीटीपी
दरअसल, टीटीपी आतंकी पाकिस्तान की गले की हड्डी बन गए हैं। वे कभी फिदायीन हमले कर रहे हैं तो कभी पाकिस्तान की सेना के जवानों, सुरक्षा चैकियों पर हमले कर रहे हैं। कभी बम ब्लास्ट कर रहे हैं तो कभी पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले कर रहे हैं। कभी पाकिस्तान द्वारा पोषित ये आतंकी आज पाकिस्तान के गले की फांस बन गए हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख हों या पाकिस्तान की शहबाज सरकार, सभी अपने स्तर पर टीटीपी को चेता चुके हैं, लेकिन टीटीपी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
पाकिस्तानी सेना का काल बन गए हैं टीटीपी
टीटीपी आतंकी पाकिस्तानी सेना के लिए काल बन गए हैं और अक्सर सैनिकों की हत्या कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख और शहबाज सरकार कई बार तालिबान को टीटीपी को लेकर गीदड़भभकी दे चुके हैं लेकिन उस पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री अफगानिस्तान में हवाई हमले करने की धमकी तक दे चुके हैं। इसके बाद भी तालिबान पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है, जो पाकिस्तान की मदद से ही अफगानिस्तान की सत्ता में वापस आया है।