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राजस्थान में वोटर्स का आंकड़ा 5.18 करोड़ के पार: जैसलमेर में सबसे कम, जयपुर में सबसे ज्यादा मतदाता

राजस्थान में अब वोटर्स का आंकड़ा 5.18 करोड़ के पार पहुंच गया है। राज्य निर्वाचन आयोग से जारी ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक दिसंबर 2018 तक राज्य कुल वोटर्स की संख्या 4 करोड़ 76 लाख 72 हजार 862 थी, जो इस 21 अगस्त, 2023 तक बढ़कर 5 करोड़ 18 लाख 81 हजार 684 हो गई है।
विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर निर्वाचन विभाग ने जमीनी तैयारी तेज कर दी है। राजस्थान में प्रदेश की सभी 200 विधानसभा की प्रारूप फोटो युक्त वोटर लिस्ट का प्रकाशन किया है। वैसे तो चार अक्टूबर को राजस्थान की फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी। लेकिन इससे पहले प्रारूप मतदात सूचियों के प्रकाशन के अनुसार राजस्थान में पिछले 2018 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले अब तक तकरीबन 42 लाख मतदाता बढे़ हैं।
चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां तेज
विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। निर्वाचन विभाग भी अपनी ओर से निष्पक्ष चुनाव के लिए कमर कसे हुए है। राजस्थान में चुनावों को लेकर आंकड़ों की बात करें तो 2018 विधानसभा चुनाव की तुलना में (21 अगस्त 2023) को हुए प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशन तक साढ़े चार साल के अंदर 42 लाख 8 हजार से ज्यादा वोटर्स की संख्या बढ़ गई है।
मतदान केंद्रों की संख्या में इजाफा
मतदाता बढ़ने के साथ मतदान केंद्रों की संख्या 51 हजार 187 से बढ़कर 51 हजार 756 हो गई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के मुताबिक राजस्थान में इस साल अंतिम तक विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित है। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट अपडेशन का काम शुरू हो गया हैं। जिसका ड्राफ्ट प्रारूप प्रकाशित किया गया हैं। इस प्रारूप का अगर पिछले विधानसभा चुनाव के समय से तुलना करे तो राज्य में पिछले साढ़े चार साल के अंदर 42 लाख 8 हजार से ज्यादा वोटर्स की संख्या बढ़ गई है।
वोटर्स का आंकड़ा 5।18 करोड़ के पार
पूरे राज्य में अब वोटर्स का आंकड़ा 5.18 करोड़ के पार पहुंच गया है। राज्य निर्वाचन आयोग से जारी ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक दिसंबर 2018 तक राज्य कुल वोटर्स की संख्या 4 करोड़ 76 लाख 72 हजार 862 थी, जो इस 21 अगस्त 2023 तक बढ़कर 5 करोड़ 18 लाख 81 हजार 684 हो गई है। अभी करीब एक महीने तक और वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने का काम जारी रहेगा और फाइनल प्रारूप 4 अक्टूबर को प्रकाशित किया जाएगा। हालांकि नामांकन की अंतिम तारीख के 10 दिन पहले तक नए नाम जरूर सूची में जुड़ सकेंगे।

प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशन तक सबसे ज्यादा मतदाता वाले पांच जिले
जिला- मतदाताओं की संख्या
जयपुर- 49 लाख 56 हजार 342 मतदाता
अलवर- 27 लाख 10 हजार 496 मतदाता
जोधपुर- 26 लाख 73 लाख 079 मतदाता
नागौर- 26 लाख 50 हजार 550 मतदाता
सीकर- 21 लाख 64 हजार 582 मतदाता
प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशन तक सबसे कम मतदाता वाले पांच जिले
जिला- मतदाताओं की संख्या
जैसलमेर- 4 लाख 65 हजार 477 मतदाता
प्रतापगढ़- 5 लाख 20 हजार 329 मतदाता
सिरोही- 8 लाख 6 हजर 498 मतदाता
बूंदी- 8 लाख 47 हजार 373 मतदाता
धौलपुर- 8 लाख 62 हजार 430 मतदाता
प्रतापगढ़ में सबसे कम वोटर बढ़े
निर्वाचन विभाग के आंकडों के अनुसार पिछले साढ़े चार साल के अंदर प्रतापगढ़ ऐसा जिला है, जहां सबसे कम वोटर्स की संख्या बढ़ी है। यहां जनवरी 2019 से अगस्त 2023 तक कुल 36 हजार 332 वोटर्स बढ़े हैं। इधर, जयपुर जिलें में सबसे ज्यादा 3.72 लाख वोटर्स बढ़े है। इसके अलावा बाड़मेर, अलवर, जोधपुर, नागौर ऐसे जिले हैं, जहां पिछले पांच साल में वोटर्स की संख्या 2 लाख से ज्यादा बढ़ी है। निर्वाचन आयोग से जारी ड्राफ्ट रिपोर्ट में सबसे कम वोटर्स जैसलमेर जिले में हैं।
जैसलमेर में सबसे कम वोटर्स
जैसलमेर में कुल वोटर्स की संख्या 4.65 लाख है। इसके अलावा बारां, बूंदी, धौलपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर और सिरोही ऐसे जिले हैं, जहां वोटर्स की संख्या 10 लाख से कम है। राजधानी जयपुर का पुनर्गठन करके भले ही यहां 4 जिलों में बांट दिया हो, लेकिन यहां चुनाव अब भी पुराने जिले के अनुसार ही करवाए जा रहे हैं।
जयपुर में हैं सबसे ज्यादा वोटर्स
जयपुर में वोटर लिस्ट ड्राफ्ट पब्लिकेशन तक 49 लाख 56 हजार 342 से ज्यादा मतदाता हो गए हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा वोटर्स की सूची में दूसरा नंबर अलवर का आता है, जहां 27.10 लाख वोटर्स हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया की साढ़े चार सालों में 30 हजार 432 सर्विस वोटर्स बढे हैं। 2018 विधानसभा चुनाव के समय 1 लाख 17 हजार 101 सर्विस वोटर्स थे जो अब बढ़कर 1 लाख 47 हजार 533 हो गए हैं। गुप्ता ने बताया कि प्रारूप प्रकाशन की तिथि तक 2 करोड़ 70 लाख 70 हजार 647 पुरूष मतदाता और 2 करोड़ 48 लाख 11 हजार 37 महिला मतदाता हैं। नए मतदाताओं में 8256 विशेष योग्यजन, 24726 घुमंतू जातियों और 421 ट्रांसजेंडर शामिल हुए हैं। गुप्ता ने बताया कि पहली बार बुजुर्ग-दिव्यांग घर से ही वोट डालने की सुविधा मिलेगी। 1 अक्टूबर तक 18 साल पूरे करने वाले नए मतदाता भी अपना मत का प्रयोग कर सकेंगे।

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