मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर रिकॉर्ड 76.22 फीसदी वोटिंग हुई है। ये आंकड़ा पिछले चुनाव से ज्यादा है। 2018 के चुनाव में 75.63 फीसदी वोटिंग हुई थी।
इस चुनाव में सबसे ज्यादा 85.68 फीसदी वोटिंग मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में हुई है। वहीं, सबसे कम आलीराजपुर जिले में 60.10 फीसदी वोट पड़े। कम वोटिंग वाले जिलों में भिंड (63.27 फीसदी), भोपाल (66 फीसदी) और रीवा (66.85 फीसदी) शामिल हैं। रतलाम जिले की सैलाना सीट पर सबसे ज्यादा 90 फीसदी वोटिंग हुई। आलीराजपुर जिले की जोबट सीट पर सबसे कम 54.04 फीसदी वोट डाले गए।
शुक्रवार को मतदान के बाद मतदान दलों की दी जानकारी के आधार पर मत प्रतिशत अपडेट होता रहा। रात करीब सवा 11 बजे तक आए वोटिंग के रुझान के मुताबिक प्रदेश में 76.22 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि यह लगभग फाइनल वोटिंग प्रतिशत है। इसमें मामूली बदलाव की स्थिति बन सकती है। इस चुनाव में प्रदेश में कहीं भी मतदान दलों की वापसी के दौरान या मतदान के दौरान अप्रिय घटना नहीं हुई है।
इससे पहले शुक्रवार को प्रदेश में कई विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं के बीच मतदान संपन्न हो गया। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ रहे 2533 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। सुबह 7 बजे शुरू हुई वोटिंग शाम 6 बजे थम गई। हालांकि मतदान केंद्र में एंट्री ले चुके वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। शिवपुरी में सिंध नदी पर पुलिस नहीं होने के कारण पांच गांव के करीब 350 लोग तैरकर या नाव से वोट डालने पहुंचे। मुंगावली के एक बूथ पर बिजली नहीं होने से टॉर्च की रोशनी में वोट डलवाए गए। वहीं, सिरोंज सीट के कई बूथों पर रात 8 बजे तक वोट डालने वालों की लाइन लगी रही।
शिवपुरी में पुल नहीं था, 350 ग्रामीण तैरकर मतदान करने पहुंचे
शिवपुरी जिले के पोहरी क्षेत्र के 4 गांव पवा, पपडुआ, पचपेड़िया और कल्याणपुर के 350 लोग नदी पार कर वोट डालने पहुंचे। गांव में पुल नहीं है, इसीलिए सभी ने तैरकर या ट्यूब के सहारे सिंध नदी पार की। शहर से 40 किमी दूर सतनवाड़ा-नरवर रोड से सिंध नदी के दूसरी ओर बसे रायपुर पंचायत के इस गांव के लोग 15 साल से पुल की मांग कर रहे हैं। इस बार चुनाव में एक भी प्रत्याशी यहां वोट मांगने नहीं पहुंचा, पर ग्रामीणों ने वोट धर्म निभाया। गिरवर गुर्जर कहते हैं कि एक प्रत्याशी ने नाव रखवाई थी, पर ग्रामीण नहीं आए।
भोपाल क्यों पीछे रहा?
भोपाल में सिर्फ 66.69 फीसदी ही वोटिंग हुई। यह 52 जिलों में 50वें नंबर पर रहा। वजह- दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के चार इमली वीवीआईपी बूथ के उदाहरण से समझिए। यहां 201 आईएएस-आईपीएस, 14 आईएफएस, 34 सीनियर डिप्टी कलेक्टर, 21 प्रोफेसर आदि रहते हैं। मतदान हुआ सिर्फ 57 फीसदी। जिन अफसरों को लोगों को भी जागरूक करना था, वे भी मतदान में पीछे रहे। यही हाल करीब हर वीवीआईपी क्षेत्र का रहा।
मतदान के दौरान ये घटनाएं भी हुईं…
भोपाल में मंत्री ने युवक पर हाथ उठायाः भोपाल में मतदान केंद्र हिंद कॉन्वेंट स्कूल में विवाद का एक वीडियो सामने आया। जिसमें मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी विश्वास सारंग युवक पर हाथ उठाते हुए नजर आए।
इंदौर में भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़ेः इंदौर-4 विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं में मारपीट हो गई। वीडियो में भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह भी मारपीट करते नजर आ रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी पर हत्या का केस दर्जः छतरपुर के राजनगर में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नाती राजा की गाड़ी चला रहे पार्षद की कुचलने से मौत हो गई। इस मामले में बीजेपी प्रत्याशी अरविंद पटेरिया सहित उनके 18-20 साथियों पर केस दर्ज किया गया है। वहीं, अरविंद पटेरिया ने एक वीडियो जारी कर कहा, कांग्रेस प्रत्याशी झूठा आरोप लगा रहे हैं।