भारतीय वायुसेना उत्तराखंड में तीन हवाई लैंडिंग स्ट्रिप्स को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया में है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चैहान ने कहा कि तीनों हवाई लैंडिंग स्ट्रिप्स भारतीय वायुसेना को मिलने के बाद यह रक्षा बलों के लिए रणनीतिक रूप से उपयोगी साबित होगी। उन्होंने जिन हवाई पट्टियों का जिक्र किया उसमें पिथौरागढ,़ धरासू और गौचर शामिल है।
भारतीय वायुसेना लगातार अपनी ताकत को मजबूत कर रही है। इसी सिलसिले में आईएएफ उत्तराखंड में तीन हवाई लैंडिंग स्ट्रिप्स को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया में है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चैहान ने कहा कि तीनों हवाई लैंडिंग स्ट्रिप्स भारतीय वायुसेना को मिलने के बाद यह रक्षा बलों के लिए रणनीतिक रूप से उपयोगी साबित होगी। उन्होंने जिन हवाई पट्टियों का जिक्र किया, उसमें पिथौरागढ़, धरासू और गौचर शामिल है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।
रणनीतिक रूप से साबित होगा महत्वपूर्ण
उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़, धरासू और गौचर में तीन लैंडिंग ग्राउंड है। ये सभी लैंडिंग स्ट्रिप्स राज्य सरकार की जमीन पर बनी है और उत्तराखंड सरकार चाह रही है कि सेना इसको टेकओवर कर ले। उन्होंने आगे कहा कि यह हवाई पट्टियां रणनीतिक महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ राज्य के लोगों के लिए हवाई कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में भी मदद करेंगी।
सेना ने आम लोगों के लिए उठाए हैं कई कदम
सीडीएस जनरल अनिल चैहान ने कहा कि हमने राज्य सरकार की इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और तीनों लैंडिंग स्ट्रिप को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने आगे कहा कि रणनीतिक उपयोग के लिए इसका विस्तार किया जाएगा।
सहकारी समितियों से खरीदारी कर रही है सेना
उन्होंने उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में अग्रिम इलाकों में रहने वाले लोगों की मदद में सेना की भूमिका का भी जिक्र किया। सीडीएस ने कहा कि सेना सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख आदि में सहकारी समितियों से खरीदारी कर रही है। इसमें दूध और ताजा खाद्य पदार्थ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में ऐसा नहीं होता था, लेकिन अब यह नीति इन दोनों प्रदेशों में भी लागू कर दी गई है।