जयपुरधर्म

बसंत पंचमी पर करें मां सरस्वती का पूजन, 14 फरवरी को 6 घंटा 44 मिनट है पूजा का मुहूर्त

हिन्दू नववर्ष शुरू होने से पहले,आने वाले सभी त्योहारों और समारोहों की योजना बनाना शुरू करने का समय है। सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत का प्रतीक और भारत में सबसे शुभ और आनंद प्रदान करने वाले त्योहारों में से एक है बसंत पंचमी। इसे भारत के कई राज्यों में सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है, देवी सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी के रूप में जाना जाता है। यह त्योहार वसंत के आगमन और ज्ञान, कला और संगीत की देवी देवी सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित है। जैसा कि हम बसंत पंचमी 2024 की तैयारी कर रहे हैं, आइए इस जीवंत त्योहार के महत्व, अनुष्ठानों और तिथियों के बारे में जानें।
बसंत पंचमी 2024 कब है?
हिंदू महीने माघ के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन (पंचमी) को आती है। 2024 में, बसंत पंचमी 14 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। यह तिथि चंद्र कैलेंडर के आधार पर भिन्न हो सकती है और भारत के कुछ हिस्सों में एक अलग दिन भी पड़ सकती है। हालाँकि, इस त्योहार का सार और महत्व पूरे देश में एक समान है।
बसंत पंचमी 2024 तिथि और समय:
आरंभ: 13 फरवरी 2024, दोपहर 02:41 बजे
समाप्त: 14 फरवरी 2024, दोपहर 12:09 बजे
पूजा मुहूर्त: 14 फरवरी 2024, सुबह 06:17 बजे से दोपहर 12:01 बजे तक
बसंत पंचमी मध्याह्न मुहुर्त: दोपहर 12:01 बजे

बसंत पंचमी का महत्व:

बसंत पंचमी सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत का प्रतीक है। यह शीतनिद्रा की लंबी अवधि के बाद प्रकृति के पुनर्जन्म और नवीनीकरण का उत्सव है। बसंत पंचमी को देवी सरस्वती के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, उनका जन्म इसी दिन हुआ था और उन्हें ज्ञान, बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता का अवतार माना जाता है। लोग शिक्षा, संगीत, कला और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में सफलता के लिए आशीर्वाद लेने के लिए उनकी पूजा करते हैं।
बसंत पंचमी अनुष्ठान:
बसंत पंचमी के दिन भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं। वे पीले कपड़े पहनते हैं, जो वसंत के रंग और नई शुरुआत का प्रतीक है। पीले फूल, विशेष रूप से गेंदे का उपयोग सजावट और देवता को प्रसाद चढ़ाने में किया जाता है।
तो आइए आज जानते हैं बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को अर्पित करने वाली मूल बातें..
1. पीला फूल: सरस्वती पूजा के दिन देवी सरस्वती को पीला फूल अवश्य चढ़ाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पीले फूल से देवी प्रसन्न होती हैं और वह छात्रों को ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं।
2. पीले वस्त्र: बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को पीले वस्त्र का टुकड़ा अर्पित करना चाहिए और पूजा करते समय पीला वस्त्र भी पहनना चाहिए।
3. पीला भोग: कहा जाता है कि सरस्वती पूजा के दिन देवी को पीले रंग का भोजन चढ़ाया जाता है, जैसे बेसन में पीला केसर मिलाकर, लड्डू, बूंदी या खीर, केसर चावल, मिठाई और फल ।
4. पढ़ने की सामग्री: सरस्वती पूजा के दिन मां सरस्वती को पढ़ने की सामग्री अर्पित करनी चाहिए। इससे विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और देवी सरस्वती की कृपा उनके जीवन पर सदैव बनी रहती है।
5. पीला चंदन: बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते समय पीला चंदन लगाना चाहिए।
खाद्य पदार्थों को परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के बीच प्रसादम (धन्य भोजन) के रूप में वितरित किया जाता है।

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