राजनीतिलखनऊ

जयपुर मे राज्यसभा सीट के लिए नामांकन पत्र भरने के बाद सोनिया गाँधी ने लिखा भावुक पत्र और रायबरेली के लोगों को धन्यवाद दिया

कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड की चेयरमैन सोनिया गांधी अब राज्यसभा के जरिए संसद पहुंच रही हैं। बुधवार 14 फरवरी को उन्होंने राजस्थान में अपने दोनों बच्चों राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा की मौजूदगी में नामांकन पत्र दाखिल किया। इसी के साथ ये तय हो गया कि रायबरेली से कांग्रेस पार्टी से अब कोई नया चेहरा चुनाव मैदान में होगा।इस अवसर पर उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र (रायबरेली) की जनता को संबोधित करते हुए एक भावुक पत्र लिखा है।
रायबरेली ने अच्छे-बुरे हर वक्त में गांधी नेहरू परिवार के सदस्यों का साथ दिया है। स्वयं विदेशी मूल की होने के बावजूद सोनिया गांधी को यहां से चुनाव जीतने में जरा भी दिक्कत नहीं हुई। प्रचंड मोदी लहर में भी उनके बेटे को बगल की सीट से करारी शिकस्त झेलने पड़ी लेकिन रायबरेली की जनता उन्हें जीताकर संसद पहुंचाया। यही वजह है कि उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र (रायबरेली) की जनता को संबोधित करते हुए एक भावुक पत्र लिखा है।
रायबरेली की जनता के नाम खत
सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को संबोधित करते हुए लिखा, मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आप लोगों से मिलकर पूरा होता है। यह सेह नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है। रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़े बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने हमारे ससुर फिरोज गांधी जी को यहां से जिता कर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास को आपने अपना बना लिया।
तब से लेकर अब तक ये सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरे राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया। उन्होंने लिखा, इसी रोशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर जब में आपके पास आई, आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे। मैं यह कभी भूल नहीं सकती मुझे यह कहते हुए गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं आपकी बदौलत हूं
भविष्य के लिए मांगा जनता से समर्थन
सोनिया गांधी खत में आगे लिखती है, स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते में अगला लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके साथ रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए है।

सोनिया का चुनावी सफर
सोनिया गांधी ने साल 1999 में देश की चुनावी राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने कर्नाटक की बेल्लारी और यूपी की अमेठी दो सीटों पर चुनाव लड़ा था और दोनों से जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने बेल्लारी छोड़ दी और अमेठी से सांसद रहीं। इस सीट से उनके पति दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी चुनाव लड़ते थे। साल 2004 में उन्होंने बगल की रायबरेली सीट की ओर रूख किया ओर ये सीट बेटे राहुल गांधी के लिए छोड़ दी। तब से वो लगातार वहां से चुनाव जीतती आ रही हैं।
2014 और 2019 में जब देश में कई कांग्रेस के दुर्ग ढह गए, इसके बावजूद सोनिया गांधी ने रायबरेली की सीट बचाए रखी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश से आने वाली कांग्रेस की वह एकमात्र लोकसभा सांसद हैं। उनके राज्यसभा जाने को लेकर बीजेपी की ओर से तंज भी कसा जा रहा है। राहुल गांधी के वायनाड और सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद कांग्रेस की ओर से गांधी परिवार की पारंपरिक सीट माने जाने वाली अमेठी-रायबरेली से आगमी लोकसभा चुनाव में कौन उम्मीदवार होगा, इसको लेकर कयासों का बाजार गर्म है। इन दोनों में से किसी एक सीट पर प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलें जोरों पर है।

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