राजस्थान में लगने वाले रामदेव पशु मेले में ‘किसकी मूंछे सबसे लंबी’ नाम की प्रतियोगिता होती है। रामसिंह भाटी इस प्रतियोगिता में 17 बार भाग ले चुके हैं, जिसमें 9 बार प्रथम, 6 बार द्वितीय व 2 बार तृतीय स्थान हासिल किया गया है।
मूंछें हो तो नत्थूलाल जैसी, नहीं तो न हों, लेकिन राजस्थान के रामसिंह भाटी की भी मूंछें कुछ कम नहीं हैं। इनकी मूंछें 4 फीट की हैं। पहले राजा-महाराजा अपनी शान में मूंछें रखते थे। राजस्थान में आज भी मूंछें रखना आज भी शान की बात है।
नागौर के ताऊसर गांव के रहने वाले रामसिंह भाटी अपनी लंबी मूंछों के कारण राजस्थान भर में पहचाने जाते हैं। इसके अलावा यह मूंछों को कभी काटते नहीं है। रामसिंह भाटी के मूंछों की लंबाई 2-2 फीट की है, कुल लंबाई 4 फीट है। रामसिंह शारीरिक शिक्षा के शिक्षक भी हैं।
क्यों आया मूंछें रखने का ख्याल
रामसिंह ने बताया कि बचपन से ही पिता के साथ में इस पशु मेले में आता था तो यहां पर लोगों को देखकर मूंछें रखने का विचार आया। उसके बाद मुझे से ही लंबी मूंछें रखने का शौक लग गया और मैनें भी लंबी मूंछें रखनी आरंभ कर दी।
30 साल से कर रहे देखभाल
रामसिंह भाटी बताते हैं कि पिछले 30 वर्षों से लंबी मूंछें रख रहा हूं। परन्तु दादीजी का निधन होने के कारण मूंछे कटवानी पड़ी थी। लेकिन उसके बाद फिर से रखनी प्रारंभ कर दी। एक समय पर 12 फीट तक लंबी मूंछे हो गई थी। लेकिन वर्तमान समय में चार फीट लंबी मूंछे हैं।
ऐसे रखते हैं ख्याल
रामसिंह ने बताया कि मूंछों के बाल को धोने के लिए मुल्तानी मिट्टी का उपयोग करते है जिससे बाल सॉफ्ट व ज्यादा लंबे होते है। इनके ऊपर बादाम तेल से मालिश करते है। वहीं इन्हें संवारने में 10 मिनट का समय लग जाता है। राजस्थान में लगने वाले रामदेव पशु मेले में किसकी मूंछे सबसे लंबी नाम की प्रतियोगिता होती है। रामदेव भाटी इस प्रतियोगिता में 17 बार भाग ले चुके हैं, जिसमें 9 बार प्रथम, 6 बार द्वितीय व 2 बार तृतीय स्थान हासिल किया गया है।