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हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक उबाल के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खु के इस्तीफे की खबरें..फिलहाल मामला टला

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है लेकिन उसमें स्थानीय स्तर पर अन्तरद्वंद्व इतना अधिक बढ़ गया कि राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग की स्थिति देखने को मिली। इसके बाद बुधवार को हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी को लेकर बड़ी हलचल चल रही। कभी खबर आ रही थी कि उन्होंने आलाकमान के सामने इस्तीफे की पेशकर कर दी है तो कभी इस्तीफा दे दिया है। लेकिन, इस उठापटक के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया और कांग्रेस सरकार की मौजूदा स्थिति स्पष्ट की। इस्तीफे की अटकलों में सीएम सुक्खू ने कहा कि उन्होंने कोई इस्तीफा नहीं दिया है। हालांकि, इससे पहले खबर आई थी कि पार्टी में जारी संकट के बीच सीएम सुक्खू ने इस्‍तीफे की पेशकश की है।
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने कहा- मैंने नहीं दिया है इस्तीफा
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने इस्तीफे की अटकलों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि न तो किसी ने मुझसे इस्तीफा मांगा है और न ही मैंने किसी को अपना इस्तीफा दिया है। हम बहुमत साबित करेंगे। हम जीतेंगे, हिमाचल की जनता जीतेगी।
उन्होंने कहा कि हम बहुमत साबित करेंगे। जीत हमारी ही होगी। मैं यह भी दावा करता हूं कि भाजपा तड़प क्यों रही है। अभी बजट पारित होना है, मैं कहता हूं वोटिंग करवाइए। किसके पक्ष में बहुमत आएगा यह जल्द ही पता चल जाएगा। सीएम ने यह भी कहा कि जो राजनीति दबाव बनाते हैं, उसका भी आने वाले समय में पर्दाफाश किया जाएगा।
गए विधायक हैं संपर्क में
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह एक योद्धा हैं और योद्धा की तरह लड़ेंगे। जनता बेफिक्र रहे, सरकार पूरे पांच साल चलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में बजट पारित होना है और यह होकर रहेगा। जो विधायक गए हैं, वह भी हमारे संपर्क में हैं।
केंद्रीय मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफ़ा
मुख्यमंत्री के दावों के बीच हिमाचल में कांग्रेस के खेमे में काफी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। पूर्व मुख्‍यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल सरकार में केंद्रीय मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्टी में विधायकों की बात को सुना नहीं जाता है।
भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को हराकर राज्यसभा सीट पर जीत हासिल की। इसके बाद से ही यह राजनीतिक घटनाक्रम देखा जा रहा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों उम्मीदवारों को 34 मत मिले जिससे संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मतदान किया. इसके बाद ‘ड्रॉ’ जरिए परिणाम घोषित किए गये।

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