अदालतजयपुर

भर्ती, टेंडर, ई-ऑक्शन से लेकर ट्रांसफर लिस्ट समेत कई फैसले कोर्ट में अटकने का डर से भजनलाल सरकार ने दायर की 10 से ज्यादा कैविएट

राजस्थान में सत्ता में आने के एक महीने बाद भजनलाल सरकार की कैबिनेट ने आमजन के लिए काम शुरू कर दिया हो, लेकिन सरकार को अब अपने ही निर्णयों पर डर सताने लगा है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के निर्णय कोर्ट में अटक न जाए और उन पर कोई विवाद न हो इसे देखते हुए सरकार अब अपने हर निर्णय पर कैविएट दायर कर रही है।
पिछले 1 महीने की रिपोर्ट देखें तो सरकार ने जितनी भी भर्तियां निकाली हो या माइनिंग या पीडब्ल्यूडी के बड़े टेंडर निकाले। इन सभी पर सरकार ने अगले ही दिन हाईकोर्ट में कैविएट दायर की है। यही नहीं सरकार प्रमोशन सूची से लेकर ट्रांसफर सूची पर भी कैविएट दायर कर रही है, ताकि चुनाव आचार संहिता से पहले या उसके बाद उनके किसी मामले को कोर्ट में चुनौती देकर अटकाया न जा सके।
बता दें कि पिछले साल राज्य सरकार ने बजरी के 14 ब्लॉक की ऑनलाइन ऑक्शन की प्रक्रिया को रोक दिया था, लेकिन जनवरी के आखिरी में उस ऑक्शन प्रक्रिया को सरकार ने फिर से शुरू करवा दिया, लेकिन हाईकोर्ट में याचिका लगने के बाद वह फिर से अटक गई थी।
मार्च में अब तक 10 से ज्यादा कैविएट
पिछले एक सप्ताह की ही रिपोर्ट देखें तो राज्य सरकार ने 10 से ज्यादा कैविएट दायर की है। इसमें 10 मार्च को जारी तहसीलदार-नायब तहसीलदार की ट्रांसफर सूची, कोटा ओपन यूनिवर्सिटी की ओर से निकाले गए बीएड, बीएसटीसी कोर्स करने के लिए मांगे गए आवेदन पत्र, भीलवाड़ा-सिरोही ब्लॉक में निकाली बजरी माइंस की ई-निविदा, आरयूएचएस में निकाली मेडिकल ऑफिसर की भर्ती पर पिछले दिनों कैविएट दायर हुई । इसी तरह बांसवाड़ा एरिया में निकाली गोल्ड माइंस की निविदा, कर्मचारी चयन बोर्ड की निकाली कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती परीक्षा, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 8 फरवरी को जारी गजट, पशु पालन विभाग में निकाली भर्ती, कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर में निकली भर्ती समेत अन्य निर्णय पर सरकार कैविएट लगा चुकी है।

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