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शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी भी आरोपी… ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को भी सुनवाई हुई। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को शराब नीति घोटाला मामले में आरोपी बनाया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आज अभियोजन शिकायत दायर की जा रही है और आप को आरोपी बनाया गया है।
ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में यह आठवीं चार्जशीट है। हालांकि आरोपपत्र अभी कोर्ट के समक्ष रखा जाना बाकी है। फाइलिंग काउंटर पर फाइलिंग हो चुकी है। जांच एजेंसी का आरोप है कि ‘साउथ ग्रुप’ द्वारा प्रदान की गई 100 करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल आप द्वारा 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव अभियान के लिए किया गया था।
एएसजी राजू ने अदालत को बताया कि रिश्वत हवाला के माध्यम से भेजी गई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में अब तक 7 आरोपपत्र दाखिल किए हैं। 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल और 15 मार्च को के. कविता समेत 18 लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में पिछले साल मार्च में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार किया गया था और वह अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने की थी अहम टिप्पणी
पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा था कि राजनीतिक पार्टियां भी मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 70 के दायरे में आती है। कथित शराब घोटाले मामले में प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 70 भी लागू होती है। धारा 70 किसी कंपनी की ओर से किए गए अपराधों के लिए सजा का प्रावधान करती है। अब ईडी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है।
क्या है यह धारा 70?
पीएमएलए की धारा 70 कंपनियों की ओर से की जाने वाली मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए लगाई जाती है। इसमें कहा गया है कि जब कोई कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग करती है, तो हर एक व्यक्ति जो अपराध के समय उस कंपनी का प्रभारी या जिम्मेदार था, उसे भी दोषी माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस धारा में ये भी प्रावधान है कि किसी व्यक्ति पर मुकदमा तब नहीं चलाया जाएगा, जब वो ये साबित कर सके कि मनी लॉन्ड्रिंग उसकी जानकारी के बगैर हुई थी या उसने इसे रोकने की भरसक कोशिश की थी। इस धारा में एक अपवाद भी जोड़ा गया है। इसके मुताबिक, कंपनी एक अलग लीगल एंटीटी भी है, लिहाजा उसके कर्मचारियों या उसे चलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ स्वतंत्र रूप से भी मुकदमा चलाया जा सकता है।
इस मामले में कैसे आई धारा 70?
ईडी ने आम आदमी पार्टी को ‘कंपनी’ माना है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बताया था कि सबूतों से पता चलता है कि आम आदमी पार्टी ने रिश्वत के पैसों का इस्तेमाल गोवा में चुनाव प्रचार के लिए किया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ और उसने अपराध किया। इस मामले में आम आदमी पार्टी ‘व्यक्तियों का समूह’ है। और पीएमएलए की धारा 70 दायरे में सिर्फ ‘रजिस्टर्ड कंपनियां’ ही नहीं बल्कि ‘व्यक्तियों का समूह’ भी आता है। एएसजी राजू ने दलील दी थी कि हो सकता है कि आप पूरी तरह से एक कंपनी न हों, लेकिन आप ‘व्यक्तियों का संघ’ हैं, इसलिए आम आदमी पार्टी एक कंपनी हुई।

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