आज 18वीं सोमवार, 24 जून से लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो रही है। कुछ समय पहले नियुक्त प्रोटेम स्पीकर यानी अस्थायी लोकसभा के अध्यक्ष ओडिशा के भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाएंगी। इसके बाद महताब संसद पहुंचेंगे और 11 बजे से लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी। कार्यवाही शुरू होने के बाद आज संसद के पहले दिन वे लोकसभा के लिए चुने गये 280 सांसदों को शपथ दिलाएंगे। इन 280 सांसदों में प्रधानमंत्री और उनके कैबिनेट के अलावा अन्य सदस्य शपथ ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अभी तक लोकसभा का स्पीकर कौन होगा, इस पर फैसला नहीं हो पाया है।
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए 26 जून को चुनाव होगा। लोगों की दिलचप्सी और जिज्ञासा इस बात को लेकर है कि स्पीकर भारतीय जनता पार्टी का होगा या किसी और सहयोगी पार्टी का, इसका फैसला बाद में होगा। जब सभी सदस्य शपथ ले लेंगे तब राष्ट्रपति 27 जून को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इस बैठक में अगले पांच वर्षों के लिए नई सरकार का रोडमैप बताया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 28 जून को इस पर शुरू होगी। प्रधानमंत्री दो या तीन जुलाई को इस चर्चा पर अपना जवाब दे सकते हैं। संसद का सत्र तीन जुलाई को संपन्न होगा। केंद्रीय बजट पेश करने के लिए, संसद के दोनों सदनों की बैठक जुलाई के तीसरे सप्ताह में फिर से बुलाए जाने की उम्मीद है।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू होगा। एकजुटता के प्रतीक के रूप में, सभी इंडिया गठबंधन के सांसद (Members of Parliament) साथ में लोकसभा में प्रवेश करेंगे। वे उस स्थान पर इकट्ठा होंगे जहां पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा रखी गई थी। सूत्रों के अनुसार, उनके हाथ में संविधान की एक प्रति हो सकती है।
कांग्रेस का विरोध
लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के पहले ही दिन कांग्रेस प्रोटेस स्पीकर को लेकर विरोध व्यक्त कर रही है। भारतीय जनता पार्टी के 7 बार के सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने के लिए यह विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि संसद के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किये जाने की परंपरा रही है। कांग्रेस के अनुसार केरल से उसके सांसद के सुरेश आठ बार के सांसद हैं, उन्हें प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाना था। कांग्रेस का कहना है कि इस परंपरा का निर्वहन नहीं किया गया है और वह इसी बात का विरोध कर रही है।
प्रोटेम स्पीकर मुद्दा नहीं
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैंने सभी नेताओं से मुलाकात की है। सभी इस बात पर सहमत हैं कि भारतीय संसद के इतिहास में प्रोटेम स्पीकर कभी मुद्दा नहीं रहा और प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति मूल रूप से नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और नए अध्यक्ष के चुनाव में मदद करने के लिए होती है।
उल्लेखनीय है कि प्रोटेम लैटिन भाषा के प्रो टैम्पोर का संक्षिप्त रूप है। इसका अर्थ ‘कुछ समय के लिए’ होता है। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति तब तक के लिए की जाती है, जब तक नए लोकसभा अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर दी जाती। नयी लोकसभा के गठन होने के बाद और लोकसभा अध्यक्ष के चयन से पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति में सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य को तरजीह दी जाती रही है।