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हमें तो कोई पूछता नहीं और इस अफगानिस्तान में टूरिज्म की ऐसी बयार…! पाकिस्तान हुआ भौंचक

अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या हैरान करने वाली है। तालिबान के शासन काल में दो साल में ही पर्यटकों की संख्या 10 गुना बढ़ चुकी है। साल 2023 में अफगानिस्तान में 7000 से ज्यादा विदेशी पर्यटक पहुंचे थे। 2021 में यह संख्या 691 ही थी।

साल 2021 के अगस्त में जब अमेरिका की वापसी के बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया तो सबका यही मानना था कि एक बार फिर अफगानिस्तान दुनिया का सबसे खतरनाक देश होने जा रहा है। लेकिन तालिबान 2.0 के शासन के तीन साल के दौरान शायद ये बात कहना सही नहीं है।
हालिया रिपोर्ट बताती है कि तालिबान शासन के पहले दो सालों में अफगानिस्तान में विदेशी पर्यटकों की संख्या 10 गुना से ज्यादा बढ़ी है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में जहां 691 विदेशी पर्यटक अफगानिस्तान पहुंचे थे, 2023 में इनकी संख्या 7000 पहुंच गई। इस रिपोर्ट से सबसे ज्यादा हैरान पाकिस्तानी विशेषज्ञ हैं।
अफगानिस्तान की तरक्की से पाकिस्तानी हैरान
पाकिस्तानी एक्सपर्ट और यूट्यूबर कमर चीमा ने अफगानिस्तान में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बताया है। कमर चीमा कहते हैं कि ऐसे हालात में अफगानिस्तान में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। यह अचंभे की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में कोई पर्यटक आता ही नहीं है और आता भी है तो इस बारे में कुछ पता ही नहीं चलता। कमर चीमा कहते हैं कि बढ़ती पर्यटकों की संख्या बताती है कि अब विदेशी तालिबान के राज में सुरक्षा पर भरोसा कर पा रहे हैं।
तालिबान चला रहे टूरिस्ट ट्रेनिंग कोर्स
कमर चीमा ने बताया कि अफगानिस्तान के अंदर तालिबान पर्यटकों को अच्छा माहौल देने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं। छात्रों को इसमें प्रवेश दिया जा रहा है और उन्हें पर्यटकों से अच्छे व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अफगानिस्तान में लोग टूरिस्ट ऑपरेटर का लाइसेंस पाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। कमर चीमा ने यह भी बताया कि अफगानिस्तान में पर्यटकों की इतनी संख्या तब पहुंची हैं, जब दुनिया के तमाम देशों में वीजा देने के लिए उनके पास कोई सुविधा नहीं है।
पर्यटकों में चीनी सबसे ज्यादा
कमर चीमा इसमें एक दिलचस्प बात बताते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की संख्या में एक बड़ी आबादी चीनियों की है। वो सवाल उठाते हैं कि क्या चीन से वाकई टूरिस्ट आ रहे हैं, या खुफिया सेवाओं के लोग आ रहे हैं या बिजनेसमैन आ रहे हैं? उन्होंने कहा कि कई लोग तो अब यह भी कहने लगे हैं कि हमें पाकिस्तान में नहीं जाना है, क्योंकि वहां खतरा है। अब पश्चिमी ताकतें अफगानिस्तान के साथ संपर्क बढ़ा रही हैं। उनका मानना है कि अगर उन्होंने तालिबान से दूरी बनाई तो चीन और रूस यहां घुस जाएंगे। कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान की हालत यह है कि यहां पर सरकार अपने विरोधियों को जेल में रखने पर पूरा ध्यान लगाए हुए है।

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