जयपुर से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर डिग्गी में स्थित कल्याणधणी की 59वीं लक्खी पदयात्रा आज रविवार, 11 अगस्त से शुरू हो गई है। इस पदयात्रा में हजारों कल्याणधणी के भक्त पैदल ही जयकारे लगाते हुए यात्रा पर निकल जाते हैं। कल्याणधणी की यह पदयात्रा आज जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर मंदिर से रवाना हुई। यात्रा के रवाना होने से पहले श्रद्धालुओं ने सुबह ही गोविंद देव जी मंदिर के दर्शन किये और ताड़केश्वर ंमंदिर में सुबह ही हजारों पदयात्री एकत्र हो गये। यहां बड़ा मंच बनाया गया था जिसके पास ही उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, विधायक बालमुकुंदाचार्य और अनेक संत-महात्माओं के सानिध्य में ध्वजा पूजन किया गया।
डिग्गी कल्याणजी मंदिर तक जाने वाली यह यात्रा जयपुर में दुर्गापुरा, सांगानेर से होती हुई मदरामपुरा, रैनवाल, हरसूलिया, फागी, चोसला होकर पांच दिनों के बाद निज धाम डिग्गी पहुंचती है। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह यात्रियों द्वारा भजन-कीर्तन व सत्संग के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और ये पूरा राज्य हाईवे भक्तिमय हो जाता है।
डिग्गी कल्याण जी की यह यात्रा पूरे 24 कोस की होती है। श्रावण के महीने में ही इस यात्रा की शुरुआत होती है जिसमें शामिल होने राजस्थान के कोने कोने से लोग आते हैं। इसी दौरान डिग्गी कल्याणजी मंदिर पर एक मेला भी भरता है। जिस मार्ग से पदयात्री निकलते हैं, उस पर लोग बड़े-बड़े भंडारे लगाते हैं और यात्रियों के खाने-पीने का प्रबंध करते हैं। विशेषरूप से टोंक पर तो शनिवार रात से ही जगह-जगह टैंट लग गये हैं और यात्रियों को खिलाने की सामग्री तैयार होनी शुरू हो गयी है। डिग्गी गांव में स्थित भगवान अनिरुद्ध के इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था। प्रतिहार शैली में निर्मित इस मंदिर में सालभर हर पूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। मान्यता है कि डिग्गी कल्याण मंदिर के दर्शन कर आने से कोढ़ जैसी गंभीर बीमारी भी ठीक हो जाती है। यहां के लोग इन्हें कोढ़ रक्षक देवता के नाम से भी जानते है और इसलिए इस मंदिर का अपना ही एक खास महत्व भी है।