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10 जिलों के लिए रेड-ऑरेंज अलर्ट: कई शहर डूबे, 4 जिलों के स्कूलों में छुट्टी

राजस्थान में भारी बारिश अगले दो दिन जारी रहेगी। आज राज्य के पांच जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, पांच में ऑरेंज अलर्ट है। इन इलाकों में 150 से 200 एमएम तक बारिश होने की संभावना है। इनके अलावा 9 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की इस चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने आज जयपुर, करौली, दौसा, टोंक के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।
करौली जिले के करणपुर थाना इलाके में अमरापुर के मावाई नाले में सोमवार को तीन युवक बह गए। एक युवक ने तैरकर जान बचाई। जबकि दोनों युवकों का अभी तक सुराग नहीं लगा है। तीनों युवक एक साथ हाथ पकड़ कर नाला पार कर रहे थे। इसी दौरान वे तेज बहाव में बह गए। भारी बारिश के कारण राजस्थान में 2 दिन में 26 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं।
टोंक में सबसे ज्यादा बारिश
पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बरसात टोंक के दूनी में 170 एमएम दर्ज हुई। वहीं, टोंक के ही देवली स्थित मोती सागर पर 110, निवाई में 107, मांसी बांध पर 132, उनियारा में 73, बूंदी के नैनवां में 161 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई। जयपुर के सांगानेर में 99, माधोराजपुरा में 97, तूंगा में 85, सीकर के पलसाना में 49, करौली के पांचना बांध में 85, दौसा के लालसोट में 52, अलवर में 70, मालाखेड़ा में 75 एमएम समेत अन्य कई जिलों में 2 इंच या उससे ज्यादा बरसात दर्ज हुई।
जयपुर, करौली, दौसा, भरतपुर में हालात ज्यादा बिगड़े
बीते 48 घंटे में तेज बारिश से तीन जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इनमें राजधानी जयपुर भी शामिल है। मंगलवार सुबह से यहां बारिश का दौर धीमा जरूर हुआ है, लेकिन हालात अब भी खराब हैं। कई कॉलोनियों में अब भी पानी भरा है। करौली जिले में तो कई गांवों से अब भी संपर्क टूटा हुआ है। जयपुर सहित पांच जिलों में तेज बरसात के कारण बीते 2 दिन में 26 से ज्यादा लोगों की जान गई है।
12 दिन में 185 मिमी औसत बारिश
राजस्थान में 1 से 12 अगस्त तक की रिपोर्ट देखें तो इन 12 दिनों में जबरदस्त बरसात हुई है। पूरे राज्य में औसत बरसात 185 मिमी हुई है, जो केवल अगस्त के महीने की औसत बरसात 156 मिमी करीब 18 फीसदी ज्यादा है।
गहलोत ने मांगा 25 मौतों का हिसाब
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेशभर में भारी बारिश एवं इससे संबंधित दुर्घटनाओं के कारण 25 से अधिक जानें जा चुकी हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी आपदा की स्थिति में राज्य के आपदा राहत मंत्री के बारे में जनता को यह नहीं पता कि वो पद पर हैं या उनका इस्तीफा स्वीकार हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, जिससे उचित मॉनिटरिंग एवं राहत बचाव कार्यों के लिए निर्देशन मिल सके। विकट परिस्थितियों में ऐसी असमंजस की स्थिति राज्य की जनता के साथ छलावे जैसा है।

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