जयपुरधर्म

भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव आज, देश भर में हर्षोल्लास का वातावरण

देश भर में आज सोमवार, 26 अगस्त को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5251वाँ जन्मोत्सव मनाया जा रहा हैं। देश भर के श्रीकृष्ण मंदिरों में सुबह से ही लोग अपने अराध्य गोविंद देव जी के दर्शन को उमड़ रहे हैं। फिलहाल लोगों को रात्रि की प्रतीक्षा है जब भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न रूपों के मंदिरों में उनके प्राकट्य का उत्सव मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में मथुरा से लेकर दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा सहित देश भर के विभिन्न राज्यों में श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों के मंदिर विशेषतौर पर सजाये गये हैं और मूर्तियो का विशिष्ट शृंगार किया गया है। राजस्थान की बात करें तो जयपुर के आराध्य श्री गोविंद देवजी मंदिर, गोपीनाथ जी मंदिर, चितौड़गढ़ के सांवरिया सेठ, करौली के मदनमोहन जी मंदिर में विशेष आयोजन किये गये हैं। गोपीनाथ जी के मंदिर में भगवान को ढाई लाख रुपये की घड़ी पहनायी जाएगी तो उदयपुर के कांकरोली स्थित द्वारिकाधीश मंदिर मे भगवान सोने-चांदी के खिलौनों से खेलेंगे।
जयपुर में भगवान श्री विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव 26 अगस्त को ठिकाना मंदिर श्री गोविन्द देव जी में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। ठिकाना गोविंद देव जी के अनुसार–
इस तरह रहेगी दर्शन व्यवस्था:
श्री कृष्ण जन्माष्टमी को सुबह मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था प्रारंभ हो जाएगी। पास धारक, आमजन प्रवेश बिना जूता चप्पल, आम जन प्रवेश जूता चप्पल वालों के लिए तीन अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था की गई है। इन तीनों लाइनों से आकर दर्शनार्थी दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
1. जो लोग जलेब चौक से आएंगे उनका निकास जय निवास बाग पूर्वी गेट से होगा।
2. जो दर्शनार्थ ब्रह्मपुरी, कंवर नगर की ओर से आएंगे वे चिंताहरण हनुमान जी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से निकास करेंगे।
935 किलो पंचामृत से होगा जन्माभिषेक:
26 अगस्त को रात्रि 10 से 11 बजे तक गोविंद जी मिश्र श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ करेंगे। रात्रि 12 बजे 31 तोपों की सलामी होगी एवं विशेष रंगीन आतिशबाजी की जाएगी। रात्रि 12 बजे गोविन्द अभिषेक दर्शन खुलेंगे। इसमें 6 पंडित वेद पाठ करेंगे। श्री शालिग्राम पूजन एवं पांच द्रव्यों के पूजन के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा।
अभिषेक के लिए 425 लीटर दूध, 365 दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद का उपयोग किया जाएगा। दूध,दही, घी देसी नस्ल की गाय का ही होगा। अभिषेक के बाद ठाकुरजी को विशेष भोग अर्पण किया जाएगा। जिसमें पंजीरी लड्डू, खिरसा एवं रबड़ी कुल्लड़ का भोग शामिल है। अभिषेक के बाद सभी भक्तों में निशुल्क पंचामृत एवं पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया जाएगा।
3150 कार्यकर्ता देंगे सेवाएं:
जन्माष्टमी में लगभग 3000 कार्यकर्ता सुबह मंगला झांकी से अभिषेक समाप्त होने तक निरंतर अपनी सेवा प्रदान करेंगे। इसके साथ करीबन 150 स्काउट भी इस व्यवस्था में रहेंगे। इन कार्यकर्ताओं में समाज के सभी वर्गों और प्रोफेशन के लोग शामिल निशुल्क सेवाएं देंगे। सेवा के लिए अल्पकालीन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
प्रशासन का आग्रह कीमती सामान नहीं लाएं:
दर्शनार्थियों को सुगमता से दर्शन हो सके. इसके लिए 13 एलईडी की व्यवस्था की गई है। पुलिस प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए 8 से 10 मेटल डिटेक्टर लगाये गये हैं। इसमें से होते हुए दर्शनार्थी मंदिर में प्रवेश करेंगे। मंदिर प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से चिन्हित जगहों पर सीसीटीवी लगवाए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए सभी दर्शनार्थियों से निवेदन किया गया है कि वे अपने साथ कीमती सामान जैसे लेडीज पर्स एवं अन्य सामान नहीं लाएं। प्रसाद, फल, मिठाई, नारियल, लैपटॉप, कैमरा का मंदिर में प्रवेश निषेध है। अगर लेकर आते हैं तो इन्हें मंदिर मुख्य प्रवेश द्वार पर जमा कराना होगा। सभी दर्शनार्थियों से यह भी निवेदन किया गया है कि वे मंदिर परिसर में भारतीय परिधान पहनकर प्रवेश करें। जूते-चप्पल जूता घर में खोलकर आएं। हेलमेट भी गाड़ी पर ही लगाकर आएं।
श्री गोविंद देव जी मंदिर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन पास और जगमोहन पास से प्रवेश केवल सायं 7 बजे तक ही संभव है। दर्शन पास एवं जगमोहन दर्शन पास से दर्शन की व्यवस्था में पहली बार परिवर्तन किया है। जिनके दर्शन प्रवेश पत्र (पास) और जगमोहन दर्शन के पास है वे प्रातः 4.30 बजे से सायं 7 बजे तक ही दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद इस पास से दर्शन नहीं होंगे। सायं 7 बजे से सभी आम श्रद्धालुओं की तरह दर्शन कर सकेंगे। गत वर्ष शाम सात बजे दर्शनार्थियोंं की भारी भीड़ के कारण पुलिस प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस कारण इस बार दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। अभिषेक दर्शन पास धारकों का प्रवेश रात्रि 10 बजे से रहेगा जो रात्रि 11 बजे तक मंदिर में प्रवेश करना होगा। रात्रि 11 बजे के बाद अभिषेक पास मान्य नहीं होगा। अभिषेक पास धारक को आम दर्शनार्थियों की तरह प्रवेश करना होगा।

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