आर्थिकदिल्ली

सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खातों के लिए नए नियमों की घोषणा, 1 अक्टूबर, 2024 से हो रहे हैं लागू

सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खातों के लिए नए नियमों की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होंगे। इन नियमों का उद्देश्य पीपीएफ खातों के प्रबंधन को सरल और व्यवस्थित करना है, जिसमें नाबालिगों के नाम पर खोले गए खातों, एक से अधिक खाते रखने वालों और अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के खातों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
नए नियमों के तहत, जब तक नाबालिग 18 वर्ष का नहीं हो जाता, तब तक उस खाते पर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट (पीओएसए) की ब्याज दर लागू होगी। 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद स्टैंडर्ड पीपीएफ ब्याज दरें लागू होंगी। इसके साथ ही, खातों की परिपक्वता की गणना उस समय से की जाएगी जब नाबालिग वयस्क बनता है, जिससे भविष्य में वित्तीय प्रबंधन आसान हो जाएगा।
कई पीपीएफ खाते रखने वालों के लिए:
जिन व्यक्तियों के एक से अधिक पीपीएफ खाते हैं, उनके लिए नए नियम ब्याज की गणना को स्पष्ट करते हैं। प्राथमिक खाते में जमा राशि पर पीपीएफ की निर्धारित दर से ब्याज मिलेगा, बशर्ते यह 1.5 लाख रुपये की वार्षिक सीमा के भीतर हो। यदि अन्य खातों में जमा राशि इस सीमा से अधिक होती है, तो बिना ब्याज के वापस कर दी जाएगी। यह कदम अधिक खाते रखने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए उठाया गया है।
अनिवासी भारतीय (एनआरआई) पर प्रभाव:
नए नियमों के अनुसार, एनआरआई अपने पीपीएफ खाते की परिपक्वता तक उसे जारी रख सकते हैं, लेकिन उन्हें 30 सितंबर, 2024 तक केवल पीओएसए ब्याज मिलेगा। इस तारीख के बाद, अगर वे फॉर्म एच में उल्लेखित निवास मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तो उनके खाते पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। यह प्रावधान उन भारतीय नागरिकों पर लागू होता है जो पीपीएफ खाते सक्रिय रहते हुए एनआरआई बन गए हैं। इन बदलावों का मकसद पीपीएफ खातों के संचालन को पारदर्शी बनाना और निवेशकों के लिए फायदेमंद वित्तीय प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।

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