आर्थिकमुम्बई

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से 32,000 करोड़ रुपये निकाले, अब सोमवार को घरेलू निवेशकों से उम्मीद

पिछले चार कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से 32,000 करोड़ रुपये निकाल लिये हैं, जिससे सेंसेक्स में 3,300 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई। है। शेयर बाजार के समीक्षकों के अनुसार निवेशक चीन के बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें सस्ते दामों पर शेयर मिल रहे हैं। चीन की सरकार द्वारा हाल ही में घोषित प्रोत्साहन पैकेज के चलते चीन और हांगकांग के बाजारों में तेजी आई है। हालांकि, घरेलू निवेशक इस मौके का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं। अब सोमवार को जब बाजार खुलेगा तो उनके रुख की जानकारी मिलेगी।
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव से घरेलू बाजारों में गिरावट की आशंका बनी हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति ज्यादा समय तक नहीं टिकेगी। भारतीय बाजार की मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति, घरेलू तरलता, और SIP में हो रहे निवेश से गिरावट को सीमित किया जा सकता है। अमीर निवेशक और पोर्टफोलियो मैनेजर बाजार में गिरावट के दौरान खरीदारी के लिए तैयार हैं, और म्यूचुअल फंड्स के पास 1.86 लाख करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध है।
म्यूचुअल फंड्स की नकदी होल्डिंग अगस्त के अंत में 5 साल के उच्चतम स्तर पर थी, और एक्टिव इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने अपने पोर्टफोलियो का औसतन 5.39% नकदी में रखा। गुरुवार को FIIs ने रिकॉर्ड 15,243 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 12,914 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड खरीदारी की। जानकारों के अनुसार, बाजार की दिशा FIIs और DIIs के बीच चल रही रस्साकशी से तय होगी।
विशेषज्ञ निवेशकों को मोमेंटम के बजाय क्वालिटी पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दे रहे हैं। सेक्टर रोटेशन के चलते माइक्रोकैप से लेकर लार्जकैप तक अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।

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