जयपुरप्रशासन

सहकारी बैंकों के लिये एकमुश्‍त समाधान योजना-2024 लागू, शारीरिक रूप से अक्षम ऋणी भी ले सकेगा योजना के तहत लाभ

सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि राजस्थान प्रदेश की जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं अपेक्स बैंक सहित सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं लैम्प्स के लिए एकमुश्‍त समाधान योजना (ओटीएस)-2024 लागू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के दायरे में ऐसे सभी प्रकार के कृषि एवं अकृषि ऋण आयेंगे जो कि 31 मार्च, 2020 को अवधिपार हो गये थे और उसके बाद 31 मार्च 2023 को अशोध्य एवं संदिग्ध (बेड एण्ड डाउटफुल) श्रेणी में वर्गीकृत किया जा चुका है।
दक ने बताया कि पहली बार इस योजना के तहत दुर्घटना या अन्य किसी कारण से शारीरिक रूप से कमाने की स्थिति में नहीं होने वाले ऋणी को भी सम्मिलित कर राहत दी गई है। उन्होंने बताया कि कई बार प्राकृतिक आपदाओं और औद्योगिक मंदी के कारण ऋणी अपने ऋण का चुकारा समय पर नहीं कर पाता है और वह दुष्चक्र में फंस जाता है। ऐसे ऋणी सदस्यों को राहत देने और वे पुनः अपना कारोबार शुरू कर सके इसलिये इस योजना को लागू किया गया है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस योजना का दायरा विस्तृत करते हुऐ इसमें अब व्यक्ति विशेष के अलावा संयुक्त हिन्दू परिवार, प्रोपराईटर/पार्टनरशिप फर्म, प्रा. लिमिटेड कम्पनी, सहकारी संस्थाऐं, स्वयं सहायता समूह आदि को भी सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह योजना 31 मार्च, 2025 तक लागू रहेगी।
यह मिलेगी राहत
दक ने बताया कि ऋण जिस दिन को अवधिपार हुआ है, उस दिन से 8 प्रतिशत या ऋण स्वीकृति पत्र में अंकित ब्याज दर, जो भी कम हो से देना होगा। यह ब्याज साधारण दर से वसूल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जिन ऋणों के विरूद्ध कोलेटरल सिक्योरिटी उपलब्ध नहीं है, ऐसे प्रकरणों में यदि मूल राशि के बराबर ब्याज राशि बन रही है और 8 प्रतिशत की साधारण दर से ब्याज की गणना करने पर कुल राशि में से जो भी कम होगी को जमा कराया जायेगा।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि व्यक्तिगत ऋण, उपभोक्ता ऋण, स्वरोजगार क्रेडिट कार्ड योजना एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं के तहत लिये गये ऋणों के प्रकरण में ब्याज राशि को आधा ही वसूल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिये आवेदक ऋणी को आवेदन पत्र के साथ कुल वसूल योग्य राशि का 25 प्रतिशत जमा कराना होगा तथा शेष राशि को अधिकतम दो किश्‍तों में 31 मार्च, 2025 तक जमा कराना होगा।

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