कनाडा में हिंदू समुदाय ने हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं और खालिस्तान समर्थकों के हमलों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया, खासकर ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर के बाहर। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने “खालिस्तान मुर्दाबाद” और “जय श्री राम” के नारों के साथ अपनी नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शनकारियों ने कनाडा में हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमलों की कड़ी निंदा की और कनाडाई पुलिस के एक सार्जेंट की खालिस्तान समर्थकों के साथ मिलीभगत पर भी अपना आक्रोश जताया, इस दौरान “पील पुलिस, शर्म करो” जैसे नारे भी लगाए गए।
कनाडा के हिंदू संगठन ‘कोएलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदू मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं। उन्होंने इस घटना पर लिखा, “हजार से ज्यादा कनाडाई हिंदू ब्रैम्पटन में मंदिरों पर हो रहे हमलों के खिलाफ इकट्ठा हुए हैं। दिवाली के पवित्र सप्ताहांत के दौरान कनाडा के हिंदू मंदिरों पर इस तरह के हमले निंदनीय हैं। हम कनाडा सरकार से हिंदू विरोधी फोबिया को रोकने की मांग करते हैं।”
प्रदर्शन के दौरान कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, एक वाहन ने प्रदर्शन स्थल के पास पहुंचकर हॉर्न बजाया और प्रदर्शनकारियों के बीच से निकलने की कोशिश की, जिसके बाद वाहन में तोड़फोड़ की गई। इस घटना से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से अपने विरोध को जारी रखा।
कनाडा की पील पुलिस ने एक पुलिस अधिकारी को खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन में भाग लेने के कारण निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारी हरिंदर सोही, जो एक सार्जेंट थे, एक वीडियो में खालिस्तान का झंडा लिए दिखाई दिए। पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया और बताया कि उनका यह व्यवहार अनुचित था।
रविवार को ब्रैम्पटन में भारतीय कांसुलेट के एक कार्यक्रम के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू मंदिर पर हमला कर दिया। इस घटना में खालिस्तान समर्थकों ने डंडों से लैस होकर लोगों को निशाना बनाया और मंदिर पर तोड़फोड़ की। इस हिंसा की कनाडा के सभी प्रमुख दलों ने निंदा की है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे एक जानबूझकर की गई घटना बताया। मोदी ने कनाडा सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और वहां रह रहे भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
कनाडा में हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमलों ने वहां की भारतीय और हिंदू आबादी में चिंता पैदा कर दी है। इस प्रकार की घटनाएं कनाडा और भारत के रिश्तों में भी तनाव ला सकती हैं, खासकर तब, जब दोनों देशों के बीच खालिस्तान समर्थकों को लेकर पहले से मतभेद हैं। कनाडाई सरकार को अब इस मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि वहां का हिंदू समुदाय सुरक्षित महसूस कर सके और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
इस घटनाक्रम से कनाडा में सांप्रदायिक सद्भाव पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं और यह आवश्यक हो गया है कि सरकार इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कदम उठाए। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने कनाडाई सरकार से मांग की है कि वे हिंदू विरोधी घटनाओं पर तुरंत लगाम लगाएं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें।