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पुष्कर मेला 2024: राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं का अनोखा संगम, आज से हो रहा है शुरू

श्री पुष्कर पशु मेले का शुभारम्भ शनिवार, 9 नवंबर को प्रातः 10 बजे ध्वजारोहण के साथ होगा जिला कलक्टर लोक बन्धु ने बताया कि श्री पुष्कर पशु मेले का विधिवत शुभारम्भ मेला मैदान में मंत्रोचारण के साथ पूजा एवं ध्वजारोहण से होगा। इसके साथ नगाड़ा वादन, सैण्ड आर्ट एवं कल्चरल ऊंट मार्च का आयोजन रखा गया है। इसके पश्चात माण्डणा प्रतियोगिता एवं सामूहिक नृत्य होगा। स्थानीय एवं विदेश खिलाड़ियोंं के मध्य चक दे राजस्थान फुटबॉल मैच होगा।
लोक बन्पु ने बताया कि पुष्कर सरोवर पर सायं 6 बजे दीपदान, रंगोली, आरती एवं पुष्कर अभिषेक का कार्यक्रम है। रात्रि 7 बजे क्षेत्रीय केन्द्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इसी प्रकार रविवार 10 नवम्बर को मेला मैदान में स्थानीय एवं विदेशी मेहमानों के मध्य लंगड़ी टांग, सतोलिया और गिल्ली डण्डा प्रतियोगिता होगी। यहीं ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता एवं उष्ट्र नृत्य का आनन्द लिया जा सकता है। रात्रि 7 बजे मेला मैदान में अनिरूद्ध वर्मा अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
श्री पुष्कर पशु मेला— 2024 में अब तक 5181 पशुओं की आमद दर्ज की गई है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ सुनील घीया ने बताया कि इनमें से 3794 राजस्थान के तथा 1387 राजस्थान से बाहर के पशु हैं। आए पशुओं में गौ वंश के 19 तथा भैंस वंश के 3 राजस्थान के हैं। उष्ट्र वंश के कुल 1831 में से 1811 राजस्थान के तथा 20 राजस्थान से बाहर के हैं। इसी प्रकार अश्व वंश के कुल 3328 पशुओं में से राजस्थान के 1961 तथा राजस्थान से बाहर के 1367 हैं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के पुष्कर में 9 से 15 नवंबर तक आयोजित होने वाला प्रसिद्ध पुष्कर मेला स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को नज़दीक से देखने का बेहतरीन अवसर है। यह मेला गर्म दिनों और ठंडी शामों का दिलचस्प मिश्रण लेकर आता है।
पुष्कर मेले की खासियतें:
• संस्कृतिक कार्यक्रम: पुष्कर झील के घाटों पर हर शाम राजस्थानी संगीत और नृत्य के कार्यक्रम होते हैं, जिनमें बड़ी मूंछों की प्रतियोगिता, फोटोग्राफी, पगड़ी बांधना, और ऊंट दौड़ जैसी रोचक प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इन प्रतियोगिताओं में भारतीय और विदेशी पर्यटक दोनों उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।
• ऊंटों का मेला: यह मेला ऊंटों की खरीद-फरोख्त के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां पर्यटक हस्तनिर्मित वस्त्र और शिल्पकला की विभिन्न वस्तुएं भी खरीद सकते हैं।
• प्रमुख पर्यटन स्थल:
o पुष्कर झील: 52 घाटों से घिरी यह धार्मिक झील पूर्णिमा पर स्नान के लिए विशेष मानी जाती है।
o ब्रह्मा मंदिर: भगवान ब्रह्मा को समर्पित यह मंदिर पुष्कर झील और अरावली पहाड़ियों का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
o ऊंट सफारी: रेगिस्तान के बीच ऊंट सफारी का आनंद यहां लिया जा सकता है।
कैसे पहुंचें पुष्कर: पहले अजमेर पहुंचकर, वहां से टैक्सी या बस के जरिए पुष्कर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
यह मेला राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को समझने का एक शानदार अवसर है, जिसमें देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं।

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