कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने एक बड़ा दावा किया है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध जल्द ही समाप्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ ही दिनों के भीतर यह युद्ध खत्म हो सकता है। यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी यूक्रेन-रूस युद्ध को 24 घंटे में समाप्त करने का दावा किया था।
जेलेंस्की का बयान और ट्रंप से बातचीत
जेलेंस्की ने कहा, “मुझे विश्वास है कि यह युद्ध जितनी जल्दी खत्म होना चाहिए था, उससे भी पहले समाप्त हो जाएगा। जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे, तो यह युद्ध रुक जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत के बाद उनके साथ फोन पर बातचीत हुई, जो सकारात्मक रही। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस बातचीत में युद्ध खत्म करने को लेकर क्या चर्चा हुई।
युद्ध समाप्ति की ट्रंप की प्राथमिकता
डोनाल्ड ट्रंप लगातार यह कहते रहे हैं कि उनकी प्राथमिकता रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराना है। उन्होंने यह भी कहा है कि यूक्रेन को सैन्य सहायता देने से अमेरिका के संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने वादा किया था कि वह 24 घंटे के भीतर युद्ध रुकवा देंगे। हालांकि, उन्होंने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि इसे समाप्त करने के लिए उनकी योजना क्या होगी।
अमेरिकी समर्थन और आर्थिक दबाव
अमेरिका यूक्रेन को सैन्य सहायता देने वाला सबसे बड़ा देश है। फरवरी 2022 से जून 2024 तक अमेरिका ने यूक्रेन को 55.5 अरब डॉलर मूल्य के हथियार और सैन्य उपकरण प्रदान किए हैं। यह सहायता अमेरिका के आर्थिक संसाधनों पर भारी दबाव डाल रही है, जिससे देश में एक बड़ा वर्ग इस युद्ध को समाप्त करने के लिए जोर दे रहा है।
जेलेंस्की की रणनीति
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को हर वह कदम उठाना चाहिए जो युद्ध को अगले साल राजनयिक माध्यमों से खत्म करने में मदद करे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि उन्होंने ट्रंप के साथ हुई बातचीत में ऐसा कुछ नहीं कहा है जो यूक्रेन के हितों के विपरीत हो।
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद युद्ध खत्म होने की उम्मीदों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को गर्म कर दिया है। अब यह देखना होगा कि ट्रंप सत्ता में आने के बाद अपनी योजना को कैसे अमलीजामा पहनाते हैं।