नयी दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आगामी 2 दिसंबर को संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। तीन दिन पहले पटेल लोक संस्कृति संस्थान में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। आंदोलन की शुरुआत 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय पर महापंचायत से होगी। इस महापंचायत में किसानों की प्रमुख मांगें जैसे 10% आबादी प्लॉट देने और नए कानूनों को लागू करने पर जोर दिया जाएगा।
कार्यक्रम का विवरण
• 25 नवंबर: महापंचायत के दौरान धरना प्रदर्शन शुरू होगा। यह धरना दिन-रात 27 नवंबर तक जारी रहेगा।
• 28 नवंबर: किसान जुलूस के रूप में यमुना प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचेंगे और वहां पड़ाव डालेंगे। यह पड़ाव 1 दिसंबर तक जारी रहेगा।
• 2 दिसंबर: गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों और अन्य परियोजनाओं से प्रभावित हजारों किसान दिल्ली कूच करेंगे।
नेताओं की भागीदारी
25 नवंबर को आयोजित महापंचायत में किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हन्ना मौला और भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत मुख्य रूप से शामिल होंगे।
आर-पार की लड़ाई का ऐलान
किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने कहा कि 10% आबादी प्लॉट समेत किसानों की अन्य मांगों को लेकर इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। उन्होंने सभी किसानों से आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया।
गांव-गांव में तैयारियां
महापंचायत और धरने की तैयारी के लिए बुधवार को विभिन्न गांवों में बैठकें आयोजित की गईं। इनमें इटेडा, पतवारी, रोजा और हैबतपुर जैसे गांव शामिल रहे। पंचायत में गबरी मुखिया, सूले यादव, दानवीर यादव, बुधपाल यादव, सतीश यादव, दुष्यंत सेन, किसान सभा के महासचिव जगवीर नंबरदार और अन्य किसान नेता शामिल हुए।
प्रमुख मांगें
1. 10% आबादी प्लॉट: किसानों को उनकी भूमि अधिग्रहण के बदले यह सुविधा दी जाए।
2. नए कानूनों का क्रियान्वयन: किसान हित में बनाए गए कानूनों को तत्काल लागू किया जाए।