जयपुर। राजस्थान में 23 नवंबर को सात सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 69 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हुआ। मतदान 13 नवंबर को हुआ था, और परिणामों की गणना शनिवार सुबह से शुरू हुई। इस चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी, बीएपी और अन्य छोटे दलों के उम्मीदवारों के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल थे। इन उपचुनावों में कई अहम मोड़ देखने को मिले। जहां कनिका बेनीवाल हनुमान बेनीवाल की आरएलपी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा बनाए रखने में नाकाम रहीं, वहीं कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में बहुत पीछे रह गई। इसके विपरीत, भारत आदिवासी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन कर सभी को चौंका दिया।
सात की सात विधानसभा सीटों पर राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल का जलवा देखने को मिला। दोनों के प्रयासों के परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी पांच सीटें जीत पाने में सफल रही। कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जहां कांग्रेस को विशेष सफलता नहीं दिला सके। भाजपा के मंत्री और दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा पर भी आंच आई। उनके दम पर भाजपा को दौसा विधानसभा सीट जीतने की आस लगाई थी लेकिन वे अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे।
कांग्रेस ने एक मात्र दौसा की जीती लेकिन 2300 वोटों के अंतर से। यहां से दीन दयाल बैरवा ने भाजपा के जगमोहन मीणा को हराया। चौरासी विधानसभा क्षेत्र से भारत आदिवासी पार्टी (बाप) के उम्मीदवार अनिल कुमारा कटारा को सफलता मिली। थप्पड़ कांड के बाद चर्चा मे देवली-उनियारा सीट से राजेंद्र गुर्जर ने चुनाव जीता। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश कुमार मीणा जीत से काफी दूर रहे।