रोजगार

राजस्थानः अल्प समय में 7 कैडर के 17 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी, नर्सिंग ऑफिसर के 8750 पदों की भर्ती, 7657 पदों के लिए अंतिम वरीयता सूची जारी

जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर भर्तियों के कार्य को मिशन मोड में पूरा किया जा रहा है। रिकॉर्ड समय में 7 कैडर के नियमित भर्ती के 17 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण किया गया है। चिकित्सा विभाग ने नर्सिंग ऑफिसर के 8 हजार 750 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए 7 हजार 657 पदों की अंतिम वरीयता सूची जारी कर दी है। शेष पदों पर विभिन्न कारणों से परिणाम रोका गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि विभाग में विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा रहा है। फिलहाल विभिन्न कारणों से 1013 अभ्यर्थियों का परिणाम रोका गया है। न्यायालय के आदेश के कारण 43 पद रिक्त तक रखे गए हैं एवं 37 पद सहरिया बैकलॉग के हैं। उन्होंने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों के पदस्थापन आदेश अलग से जारी किए जाएंगे।
निदेशक अराजपत्रित राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के माध्यम से 8 कैडर के करीब 20 हजार 546 पदों पर नियमित भर्ती का कार्य किया जा रहा है। मिशन मोड में कार्य करते हुए अल्प समय में सात कैडर दंत तकनीशियन, ईसीजी तकनीशियन, लैब टेक्नीशियन, नेत्र सहायक, सहायक रेडियोग्राफर, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं नर्सिंग आॅफिसर के करीब 17 हजार पदों पर भर्ती का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इनमें से 6 कैडर के 8 हजार विभिन्न पदों पर नियुक्ति एवं पदस्थापन की कार्यवाही भी पूरी की जा चुकी है। नर्सिंग आफिसर के चयनित अभ्यर्थियों को शीघ्र पदस्थापन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 20 हजार 546 पदों में से अब केवल फार्मासिस्ट कैडर की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होना शेष है, जिसे जल्द पूरा किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविरों की तैयारियों की समीक्षा
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 100 दिवसीय राज्य स्तरीय अभियान का शुभारम्भ समारोह शनिवार 7 दिसम्बर, 2024 को आयोजित किया जाने वाला है। समारोह सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अकादमिक भवन में होगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में गांव—गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं की सुगम पहुंच सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ प्रदेशभर में राज्य सरकार की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविरों का शुभारम्भ किया जा रहा है। स्वास्थ्य को लेकर यह राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे बेहतर समन्वय एवं प्रतिबद्धता के साथ सफल बनाएं।
उन्होंने शिविरों की तैयारियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए रहा, शिविरों की सफलता के लिए आवश्यक है कि संबंधित विभागों के बीच बेहतर तालमेल हो और समय पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग फोओअप एवं रेफरल शिविरों, सुपर स्पेशलिटी एवं टेलीकंसलटेशन के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करे। साथ ही, कैंसर स्क्रीनिंग के लिए आवश्यक प्रबंध करें। आयुर्वेद विभाग द्वारा आयुष चिकित्सकों एवं दवाओं की व्यवस्था की जाए।
समीक्षा बैठक के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक भारती दीक्षित ने कहा कि विभाग की ओर से शिविरों के संबंध में विस्तृत दिशा—निर्देश जारी किए गए हैं। इनके अनुरूप शिविरों की कार्यवाही की जाए। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री इकबाल खान ने कहा कि शिविरों के दौरान आमजन को ईट राइट कैम्पेन के बारे में जानकारी देने के साथ ही श्रीअन्न के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही, मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के माध्यम से खाद्य पदार्थों की जांच, लाइसेंस एवं खाद्य विक्रेताओं के रजिस्ट्रेशन संबंधी कार्य किए जाएं।
राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रियंका गोस्वामी ने कहा कि शिविरों के दौरान आयुष्मान कार्ड वितरण, ई—केवाईसी का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जाए। निदेशक आईईसी शाहीन अली खान ने कहा कि 15 दिसम्बर को प्रदेशभर में रक्तदान शिविरों का भी आयोजन किया जाएगा। सभी जिलों में इसके लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा कि राज्य सरकार की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर जिन चिकित्सा संस्थानों या सुविधाओं का लोकार्पण किया जाना है, उनकी क्रियाशीलता लोकार्पण के साथ ही सुनिश्चित की जाए। अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार ने शिविरों के आयोजन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेशभर में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविरों का आयोजन 15 दिसम्बर, 2024 से 31 जनवरी, 2025 तक सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जाएगा। इन शिविरों में एलोपैथी के साथ ही आयुष पद्धति के माध्यम से भी रोगों का निदान एव उपचार किया जाएगा तथा आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा टेलीकंसल्टेशन से भी नागरिकों को लाभान्वित किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, बच्चों का टीकाकरण, असंक्रामक रोग यथा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कॉमन कैंसर एवं अंधता रोगियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। मरीज को आवश्यकता होने पर एम्बुलेंस के माध्यम से उच्च चिकित्सा संस्थान पर ले जाकर भी उपचारित किया जाएगा। इन सभी शिविरों में 37 प्रकार की जांच सुविधा निःशुल्क उपलब्ध होंगी। गुणवत्तापूर्ण एवं समग्र उपचार की दृष्टि से पंचायत समिति मुख्यालयों पर फोलोअप एवं जिला स्तर पर रेफरल शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

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