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बिहार: कोचिंग शिक्षकों और बीपीएससी परीक्षा विवाद में पुलिस कार्रवाई का मामला, खान सर अस्पताल में

पटना। बीपीएससी परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन नियम को लेकर छात्रों और कोचिंग शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज हुआ। इस घटना में चर्चित शिक्षक खान सर भी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में शामिल हुए। सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी की अफवाह फैली, जिसे पटना पुलिस ने खारिज किया। पुलिस ने बताया कि खान सर अपनी मर्जी से थाने आए थे और उन्हें छोड़ दिया गया।
शनिवार शाम खान सर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें थकान और डिहाइड्रेशन की समस्या हुई थी। पुलिस ने सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन नियम को लेकर विवाद छिड़ा है। 13 दिसंबर को होने वाली 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के नियमों में बदलाव का आरोप लगाते हुए छात्र सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों पर शुक्रवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे तनाव बढ़ गया।
खान सर का हस्तक्षेप:
मशहूर यूट्यूबर और शिक्षक खान सर प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने के लिए पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने मीडिया से कहा कि बीपीएससी को परीक्षा नियमों पर स्पष्टता देनी चाहिए और तकनीकी समस्याओं के कारण आवेदन से वंचित छात्रों को मौका मिलना चाहिए।
गिरफ्तारी की अफवाह:
सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ी कि खान सर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पटना पुलिस ने इस दावे को खारिज किया। अधिकारियों के अनुसार, खान सर खुद थाने आए थे और पुलिस वाहन से अपने वाहन तक छोड़ने की इच्छा जताई थी। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।
तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती:
शनिवार शाम खान सर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें थकान और डिहाइड्रेशन की शिकायत थी। उनकी हालत अब स्थिर है।
सोशल मीडिया पर कानूनी कार्रवाई:
पुलिस ने खान सर की गिरफ्तारी की अफवाह फैलाने के लिए ‘खान ग्लोबल स्टडीज’ नामक सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है।
छात्रों पर पुलिस कार्रवाई:
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद हल्का बल प्रयोग हुआ। हालांकि, अधिकारियों ने दावा किया कि कोई भी प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।
घटना ने कोचिंग शिक्षकों, छात्रों और प्रशासन के बीच तनाव को उजागर किया है। पुलिस की कार्रवाई और सोशल मीडिया पर अफवाहों ने मामले को और जटिल बना दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बीपीएससी इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाता है।

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