सम्मान

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भारतवंशी छात्रा का परचम, ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल..!

लंदन। ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। राजनीति, खेल और शिक्षा में भारतीय समुदाय का योगदान उल्लेखनीय रहा है। इसी कड़ी में भारतीय मूल की छात्रा अनुष्का काले ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। वह प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी की अध्यक्ष चुनी गई हैं।
कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी का महत्व
1815 में स्थापित कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी दुनिया की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित वाद-विवाद समितियों में से एक है। यह संस्था अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विचारों की अदला-बदली को प्रोत्साहित करने के लिए जानी जाती है। अनुष्का काले को ईस्टर 2025 कार्यकाल के लिए निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। इस चयन में उन्हें 126 वोट मिले। यह भारतीय समुदाय के लिए गर्व की बात है कि अनुष्का ने इस ऐतिहासिक संस्था की बागडोर संभालने का अवसर प्राप्त किया है।
अनुष्का काले की उपलब्धि और विचार
अनुष्का, जो कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के सिडनी ससेक्स कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य की 20 वर्षीय छात्रा हैं, ने अपनी खुशी और आभार व्यक्त करते हुए कहा,
“कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी का अध्यक्ष चुना जाना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। मैं सदस्यों के समर्थन के लिए आभारी हूं और अपने कार्यकाल में विविधता और पहुंच का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि वह यूनिवर्सिटी के विभिन्न सांस्कृतिक समूहों, जैसे इंडिया सोसाइटी, के साथ सहयोग को बढ़ावा देंगी और अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं व वैश्विक मुद्दों पर बहस की मेजबानी जारी रखेंगी।
कैम्ब्रिज यूनियन से जुड़ी मशहूर हस्तियां
कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी के इतिहास में कई दिग्गज नेताओं और विचारकों ने हिस्सा लिया है। इसके पूर्व अध्यक्षों में जॉन मेनार्ड कीन्स (प्रसिद्ध अर्थशास्त्री), रोबर्ट हैरिस (उपन्यासकार), करण बिलिमोरिया (कोबरा बीयर के फाउंडर) जैसी शख्सियतें शामिल हैं।
इसके अलावा, सोसाइटी ने सार्वजनिक जीवन के बड़े नामों जैसे थियोडोर रूजवेल्ट, रॉनल्ड रीगन, विंस्टन चर्चिल, स्टीफन हॉकिंग, बिल गेट्स, और दलाई लामा की मेजबानी की है।
अनुष्का का योगदान और भविष्य
कैम्ब्रिज यूनियन की डिबेट्स ऑफिसर के रूप में अनुष्का ने यूनिवर्सिटी की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने और इंटरनेशनल डिबेट्स आयोजित करने में अहम भूमिका निभाई। उनका यह पदभार भारतीय और दक्षिण एशियाई मूल की महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
अनुष्का काले का यह चयन ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ते प्रभाव और उनकी असाधारण प्रतिभा को दर्शाता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल भारतवंशियों के लिए, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में विविधता और समानता को आगे बढ़ाने के लिए भी मील का पत्थर है।

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