नयी दिल्ली। पारदर्शिता और बाजार सुरक्षा पर बढ़ते जोर के बीच, संदिग्ध लेनदेन पर निगरानी भी कड़ी हो रही है। हाल ही में, तीन अमेरिकी कंपनियों ने भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों को रिश्वत देने के आरोपों के चलते भारी-भरकम जुर्माने के साथ मामले को निपटाने का निर्णय लिया।
₹1,600 करोड़ का जुर्माना
इन कंपनियों ने करीब 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर (₹1,600 करोड़) का जुर्माना चुकाने का फैसला किया है। शामिल कंपनियों में एयरोस्पेस कंपनी Moog Inc., तकनीकी कंपनी Oracle (जिसके संस्थापक लैरी एलिसन हैं) और रसायन निर्माता Albemarle Corporation का नाम प्रमुख है।
इन पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय रेलवे, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) जैसी सार्वजनिक संस्थाओं को रिश्वत दी।
• Moog Inc. ने 5 लाख डॉलर (₹4 करोड़) की रिश्वत के लिए 1.68 मिलियन डॉलर (₹14 करोड़) का जुर्माना चुकाया।
• Oracle ने 23 मिलियन डॉलर (₹190 करोड़) का जुर्माना भरा।
• Albemarle Corporation ने 198 मिलियन डॉलर (₹1,600 करोड़) की भारी राशि चुकाई।
जांच और जुर्माना
इन लेनदेन की जांच अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने की। ये जुर्माने अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट को चुकाए गए।
अदानी समूह पर आरोप
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में नवंबर में अमेरिकी अधिकारियों और न्यूयॉर्क की संघीय अदालत ने अदानी समूह पर रिश्वत के गंभीर आरोप लगाए थे।
• अदानी समूह और उसके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने सोलर एनर्जी सेक्टर में फायदेमंद सौदे हासिल करने के लिए भारतीय राज्यों को 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर (₹2,200 करोड़) की रिश्वत दी।
• इन आरोपों ने अदानी समूह के सूचीबद्ध संस्थानों को शेयर बाजार में भारी गिरावट का सामना करने पर मजबूर कर दिया।
• हालांकि, इस मामले में flashy आरोपों के बाद कोई ठोस अपडेट सामने नहीं आया है।
अमेरिकी कंपनियों पर लगे जुर्माने और अदानी समूह के खिलाफ जारी जांच से यह स्पष्ट है कि वैश्विक स्तर पर अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई हो रही है। यह घटनाएं पारदर्शिता और कानून के अनुपालन की दिशा में बढ़ते दबाव को दर्शाती हैं।