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महाकुंभ 2025: वक्फ भूमि पर मौलाना के विवादास्पद बयान ने छेड़ा विवाद

मुंबई। जैसे-जैसे महाकुंभ 2025 करीब आ रहा है और इसके शुरू होने में मात्र सात दिन शेष हैं, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी बरेलवी के एक विवादास्पद बयान ने जोरदार बहस छेड़ दी है। मौलाना ने दावा किया कि महाकुंभ वक्फ की भूमि पर हो रहा है। उनके इस बयान ने तनाव पैदा कर दिया है और इस आयोजन के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं, जिनमें सन्यासी परंपरा के आनंद अखाड़े की शोभायात्रा जैसे प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं। मौलाना के इस बयान ने समर्थन और आलोचना दोनों ही झेली है। कुछ इसे आध्यात्मिक आयोजन पर अनावश्यक हमला बता रहे हैं, तो कुछ इसे भूमि स्वामित्व और उसके उपयोग को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दा उठाने वाला मान रहे हैं।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी बरेलवी के दावे पर साध्वी ऋतम्भरा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। साध्वी ने वक्फ बोर्ड को “लैंड माफिया” बताया जो देश की भूमि पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, “जिन्होंने धर्म के आधार पर देश का विभाजन किया, वे वक्फ की साजिश के माध्यम से अब भारत की भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। इस साजिश को रोका जाना चाहिए। महाकुंभ में कोई राजनीति नहीं हो रही है; यह धर्म और पुण्य कमाने का स्थान है।”
मौलाना के बयान से उठे विवाद ने शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक महाकुंभ आयोजनों में जटिलता बढ़ा दी है। विभिन्न धार्मिक समुदायों और राजनीतिक नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी राय देना शुरू कर दिया है, जिससे यह मामला आपसी सौहार्द और भूमि अधिकारों पर चर्चा का एक नया केंद्र बन गया है।
जैसे-जैसे महाकुंभ का शुभारंभ निकट आ रहा है, यह देखना बाकी है कि यह विवाद उत्सवों और देश में धार्मिक सद्भाव की ongoing चर्चाओं को कैसे प्रभावित करेगा।

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