प्रशासन

दिल्ली में अगले दो वर्षों में यमुना में सीवेज प्रवाह बंद होगा, दिसंबर 2027 तक नदी होगी स्वच्छ..!

नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार अगले दो वर्षों में शहर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) को, जिनमें छह नए संयंत्र भी शामिल हैं, पूरी तरह से चालू कर देगी, ताकि यमुना में सीवेज और औद्योगिक कचरे का प्रवाह पूरी तरह रोका जा सके। इसके साथ ही दिसंबर 2027 तक यमुना को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य रखा गया है, यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी ने सोमवार को दी।
यमुना की सफाई कार्यों की समीक्षा के दौरान, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के प्रभारी चौधरी ने कहा कि तीन वर्षों में यमुना को साफ करने के लिए उच्चतम स्तर पर प्रतिबद्धता जताई गई है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने से लेकर उत्तर प्रदेश सीमा से बाहर निकलने तक यमुना के 57 किलोमीटर लंबे पूरे हिस्से की सफाई की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने यमुना की सफाई का दिया आश्वासन
हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारी प्रदूषण से जूझ रही यमुना को हर हाल में साफ किया जाएगा, चाहे इसमें कितना भी समय और श्रम लगे।
यमुना की सफाई के लिए उठाए जा रहे कदम
चौधरी के अनुसार, यमुना की सफाई के लिए तीन-चार प्रमुख कार्यों को पूरा किया जाना जरूरी है, जिसमें कचरे और जलकुंभी को हटाना, और बिना उपचारित (अनट्रीटेड) सीवेज और औद्योगिक कचरे के प्रवाह को रोकना शामिल है।
• कचरे और जलकुंभी की सफाई – नदी से ठोस कचरा, जलकुंभी और अन्य गंदगी हटाने के लिए सात मशीनें लगाई गई हैं, जो अगले कुछ महीनों तक काम करेंगी।
• सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) का आधुनिकीकरण – करीब 12 मौजूदा STPs को आधुनिक बनाया जाएगा और छह नए STPs का निर्माण 2026 के अंत तक पूरा किया जाएगा।
• औद्योगिक कचरे पर सख्त कार्रवाई – दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC), नगर निगम (MCD) और उद्योग विभाग मिलकर औद्योगिक कचरे को यमुना में जाने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
• अनुपालन न करने पर बंद होंगे उद्योग – अगर कोई उद्योग यमुना में अनट्रीटेड (बिना उपचारित) कचरा छोड़ता पाया गया, तो उसे बंद कर दिया जाएगा।
सख्त निगरानी और जन जागरूकता अभियान
• औद्योगिक क्षेत्रों में सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (CETPs) की निगरानी – यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये संयंत्र सही तरीके से कार्य कर रहे हों।
• धार्मिक सामग्री का उचित निपटान – लोग मूर्तियों, कैलेंडर और अन्य वस्तुओं को नदी में न डालें, इसके लिए निर्दिष्ट स्थानों पर इन्हें जमा करने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उनका उचित सम्मानजनक विसर्जन किया जा सके।
नालों को साफ करने की योजना
दिल्ली में लगभग 28 से 30 बड़े नाले यमुना में अनट्रीटेड (बिना उपचारित) गंदा पानी छोड़ते हैं, जिनमें नजफगढ़ और बारापुला नाले प्रमुख हैं। इसके अलावा, कई छोटे नाले इनसे जुड़कर नदी में सीवेज पहुंचाते हैं।
• दिल्ली जल बोर्ड (DJB) इस बात की भी जांच कर रहा है कि कहीं तूफानी (स्टॉर्म) ड्रेनों के जरिए सीवेज नदी में न जा रहा हो। यह कार्य अगले दो-तीन महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।
समयसीमा और लक्ष्य
• दिसंबर 2026 – सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) पूरी तरह से चालू होंगे, और अनट्रीटेड सीवेज का प्रवाह पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।
• दिसंबर 2027 – यमुना को पूरी तरह से साफ करने का लक्ष्य।
दिल्ली सरकार का यह प्रयास यमुना को एक स्वच्छ और जीवंत नदी में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

Related posts

हरियाणा दिवस पर हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग में 450 अधिक को बनाया प्रिंसिपल

Clearnews

अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी प्रकरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. बगरहट्टा और एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया गया

Clearnews

संजय मूर्ति बने नए CAG

Clearnews