जयपुर। राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कटाक्ष करते हुए उन्हें मौजूदा विधानसभा गतिरोध के बीच प्रचार के भूखे करार दिया।
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राठौड़ ने कहा, “गहलोत शायद ही कभी विधानसभा सत्रों में शामिल होते हैं, लेकिन अचानक सुर्खियों में आने के लिए प्रकट हो जाते हैं। इससे भी हैरानी की बात यह है कि उनके राजनीतिक गुरु होने के बावजूद गोविंद सिंह डोटासरा ने गहलोत को नजरअंदाज कर दिया। गहलोत को उन्हें स्थिति की गंभीरता समझानी चाहिए थी।”
राठौड़ ने यह टिप्पणी गहलोत की मंगलवार को विधानसभा भवन के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन में भागीदारी को लेकर की। उन्होंने कहा, “अगर गहलोत वास्तव में इस मुद्दे को सुलझाने के प्रति गंभीर होते, तो वे स्वयं स्पीकर से व्यक्तिगत रूप से मिल सकते थे। आखिरकार, उनके आवास एक-दूसरे के पास ही हैं।”
डोटासरा पर भी साधा निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा भी मौजूद रहे। राठौड़ ने डोटासरा पर स्पीकर के कार्यालय में किए गए वादे से पीछे हटने का आरोप लगाया।
गोदारा ने कहा, “माफी मांगने के बजाय, डोटासरा अपने वादे से मुकर गए। यह विश्वासघात है। कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए और सदन को चलाने में सहयोग करना चाहिए।”
लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप
गोदारा ने डोटासरा पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा,
“डोटासरा नहीं चाहते कि विधानसभा चले। वह इसे हाईजैक करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। वह विपक्ष के नेता टीकाराम जूली को बोलने तक नहीं देते, जिससे उन्हें असहाय बना दिया गया है।”
भाजपा ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस को सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए माफी मांगनी होगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सहयोग देना होगा।