दुबई। भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ के एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद बुधवार, 5 मार्च को एक भावुक संदेश लिखा। युवराज ने स्मिथ के साथ पुणे वॉरियर्स इंडिया (अब बंद हो चुकी आईपीएल टीम) में बिताए समय को याद किया और बताया कि उन्होंने स्मिथ के जुनून और दृढ़ संकल्प को दूसरों से पहले ही पहचान लिया था।
स्टीव स्मिथ ने अपनी एकदिवसीय क्रिकेट यात्रा का समापन ऑस्ट्रेलिया के चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भारत से हारने के एक दिन बाद किया। इस शानदार बल्लेबाज ने 170 वनडे मैचों में 5,800 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। स्मिथ ने नियमित कप्तान पैट कमिंस की अनुपस्थिति में चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया की कमान भी संभाली।
युवराज सिंह ने सोशल मीडिया पर स्मिथ के सफर को याद करते हुए लिखा, “स्टीव, मुझे आज भी याद है जब 2012 में पुणे वॉरियर्स कैंप में एक युवा लड़का दाखिल हुआ था – सीखने की भूख, खुद को साबित करने की चाहत। तुम्हें अपनी कड़ी मेहनत से खेल के महान खिलाड़ियों में शामिल होते देखना वाकई अविश्वसनीय रहा।” उन्होंने कहा, “शुरुआती दिनों से लेकर दो बार वर्ल्ड कप जीतने तक, तुम्हारी यात्रा समर्पण और दृढ़ संकल्प की मिसाल रही है। तुम्हारा प्रभाव सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है – मुश्किल वक्त में जुझारूपन, जीतने की भूख और बड़े मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन तुम्हें एक सच्चा चैंपियन बनाते हैं।”
युवराज ने कहा, “जैसे ही तुम वनडे से विदाई ले रहे हो, जान लो कि तुमने एक ऐसी विरासत छोड़ी है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। आगे के सफर के लिए तुम्हें ढेर सारी शुभकामनाएं, दोस्त!”
स्टीव स्मिथ ने 2012 और 2013 में पुणे वॉरियर्स इंडिया के लिए खेला। अपनी पहली आईपीएल यात्रा में उन्होंने 15 मैचों में 362 रन बनाए। अपने करियर की शुरुआत लेग स्पिनर के रूप में करने वाले स्मिथ समय के साथ आधुनिक क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में शामिल हो गए। भले ही वे वनडे में टेस्ट क्रिकेट जितने प्रभावशाली नहीं रहे, लेकिन उन्होंने कई अहम मौकों पर मैच जिताने वाली पारियां खेलीं, जिनमें 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत के खिलाफ लगाया गया शतक यादगार है।
स्मिथ 2015 और 2023 में ऑस्ट्रेलिया की वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे। हालांकि, 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में वे बॉल टैंपरिंग विवाद के कारण एक साल के बैन के चलते टीम की कप्तानी करने से चूक गए।