राजनीति

बाबूलाल मरांडी बने झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता

रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया गया है। गुरुवार को भाजपा नेतृत्व द्वारा भेजे गए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में इसकी घोषणा की गई। वरिष्ठ आदिवासी नेता मरांडी को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया।
यह फैसला भाजपा विधायकों की अहम बैठक के बाद लिया गया, जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षकों और वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में मरांडी की नेतृत्व क्षमता पर बिना किसी विरोध के मुहर लगाई गई। भाजपा संसदीय बोर्ड ने झारखंड विधानसभा में पार्टी के विधायक दल के नेता के चयन के लिए दो केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे—पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण।
इस नियुक्ति के साथ ही बाबूलाल मरांडी अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के खिलाफ भाजपा का नेतृत्व करेंगे। मरांडी का चयन भाजपा की झारखंड में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति को दर्शाता है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री और आदिवासी समुदायों के प्रमुख चेहरे के रूप में मरांडी विपक्ष की रणनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि मरांडी के नेतृत्व में भाजपा सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ शासन, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था और विकास के मुद्दों पर आक्रामक रुख अपनाएगी। अपनी नियुक्ति पर बोलते हुए मरांडी ने कहा, “पार्टी ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं। मैं जनता की आवाज उठाने और सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए पूरी मेहनत करूंगा।”
मरांडी की इस प्रमुख भूमिका में वापसी को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पुनरागमन माना जा रहा है। 2006 में भाजपा से अलग होकर झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) की स्थापना करने के बाद, उन्होंने 2020 में फिर से भाजपा में वापसी की थी। तब से वे पार्टी के आदिवासी समुदायों तक पहुंच बढ़ाने के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
हालांकि, मरांडी के सामने कई चुनौतियां हैं। उन्हें भाजपा के विधायक दल को एकजुट करना होगा और जेएमएम, कांग्रेस और राजद के सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ प्रभावी विपक्षी रणनीति तैयार करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें आदिवासी समुदायों की चिंताओं को भी प्राथमिकता से उठाना होगा।
झारखंड की तेजी से बदलती राजनीतिक स्थिति के बीच अब सभी की निगाहें इस पर होंगी कि बाबूलाल मरांडी किस तरह विपक्ष का नेतृत्व करते हैं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों का मुकाबला करते हैं।

Related posts

जयपुर को सौगातः गांधीजी की अमूल्य विरासत को संरक्षित करती ‘गांधी वाटिका’ का उद्घाटन.. खड़गे, राहुल गांधी व सीएम अशोक गहलोत ने किया उद्घाटन

Clearnews

सचिन नहीं, सचिन के साथ गए विधायकों को वापस बुलाने की कवायद

admin

किसान आंदोलन के 21 वें दिन भी प्रदर्शनकारी टस से मस होने को तैयार नहीं

admin