सामाजिक

संघ का लक्ष्य ‘सर्वस्पर्शी, सर्वव्यापी’ होना है, जो समाज, राष्ट्र के सभी पहलुओं को स्पर्श करे- डॉ. अग्रवाल

जयपुर। राजस्थान के क्षेत्र संघचालक डॉ रमेश अग्रवाल ने कहा कि संघ का लक्ष्य ‘सर्वस्पर्शी, सर्वव्यापी’ होना है, जो समाज और राष्ट्र के सभी पहलुओं को स्पर्श करे। संघ आज देश के सुदूर और आदिवासी इलाकों में काम करता है। उदाहरण के लिए, ओडिशा के कोरापुट और बोलनगीर के जनजातीय क्षेत्रों में 1031 शाखाएं हैं, जिनमें उन समुदायों से ही कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं।
डॉ. अग्रवाल सोमवार को भारती भवन पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बेंगलुरु में चन्नेनहल्ली के जनसेवा विद्या केंद्र सम्पन्न हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। इसमें देशभर से 1443 कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचारों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया।
राजस्थान क्षेत्र के संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल ने सोमवार को भारती भवन में पत्रकारों को बताया कि प्रतिनिधि सभा में संगठनात्मक कार्यों का विश्लेषण, विकास, प्रभाव और समाज परिवर्तन पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि संघ ने गत 100 वर्षों में कार्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। वर्तमान देशभर में 51570 स्थानों पर प्रतिदिन कुल 83129 शाखाएं संचालित की जाती हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 हजार से अधिक हैं। साप्ताहिक मिलन में पिछले वर्ष की तुलना में 4430 की वृद्धि के साथ 32147 हो गए है। देश में शाखाओं और मिलन की कुल संख्या 1,15,276 है।
राजस्थान क्षेत्र के कार्य की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023 -24 में 6102 स्थानों पर 9556 शाखाएं, 3903 मिलन थे। जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 6839 स्थानों पर 10757 शाखाएं और 5311 मिलन हो गए हैं।
इस बैठक में ‘सक्षम’द्वारा आयोजित महाकुम्भ में आयोजित नेत्र कुम्भ और कुम्भ को थर्मोकोल प्लेट और पॉलीथिन बैग मुक्त बनाने के लिए विभिन्न संगठनों के “एक थाली – एक थैला अभियान” की सराहना के साथ लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर की 300वीं जयंती पर देशभर में आयोजित कार्यकमों चर्चा की।
सभा के अंतिम दिन संघ शताब्दी के उपलक्ष्य में एक संकल्प लिया गया। इसके अलावा, भारत की अप्रतिम महिला स्वतंत्रता सेनानी, महारानी अबक्का के जन्म की 500वीं वर्षगांठ के अवसर पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी का वक्तव्य भी आया।
उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश (संघ गणवेश) में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड/नगर स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हर वर्ष की तरह इस अवसर पर सरसंघचालक जी स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।
नवंबर से तीन सप्ताह तक घर घर संपर्क अभियान
रमेश चंद्र अग्रवाल ने बताया कि नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान की योजना बनाई गई है, जिसका विषय “हर गांव, हर बस्ती, घर-घर” होगा। संपर्क के दौरान संघ साहित्य वितरित किया जाएगा और स्थानीय इकाइयों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा।
खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा। इन बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक आधार और हिन्दू चरित्र को खोए बिना आधुनिक जीवन जीने का संदेश देना होगा। उन्होंने महाकुम्भ का उदाहरण दिया, जहां सभी क्षेत्रों के लोग एक साथ आए थे।
जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रांतों द्वारा आयोजित किए जाएंगे। 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे।

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