प्रशासन

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी ने 136 सील किए गए मदरसों की फंडिंग की जांच के आदेश दिए, सरकार ने बताया ‘सुरक्षा खतरा’

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अधिकारियों को राज्य में मदरसों की फंडिंग के स्रोतों की जांच करने का निर्देश दिया। यह आदेश राज्य सरकार द्वारा 136 अपंजीकृत मदरसों को बंद करने के बाद दिया गया है।
सरकार की कार्रवाई और सुरक्षा चिंताएं
मार्च से अब तक, सरकार ने उन 136 मदरसों पर कार्रवाई की, जो शिक्षा विभाग या मदरसा बोर्ड में पंजीकृत नहीं थे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में 450 पंजीकृत मदरसे हैं, लेकिन 500 से अधिक मदरसे बिना किसी मान्यता के चल रहे हैं। ये संस्थान सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत संचालित होते हैं।
एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार,
• उत्तर प्रदेश से सटी सीमावर्ती बस्तियों में कई अपंजीकृत मदरसों की मौजूदगी पाई गई।
• ऐसे अवैध संस्थान सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
• सरकार अवैध मदरसों, अवैध धार्मिक स्थलों और अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी।
जिला-वार मदरसा सीलिंग अभियान
जनवरी में मुख्यमंत्री धामी ने मदरसों की सत्यापन (वेरिफिकेशन) प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने वित्तीय स्रोतों सहित अन्य पहलुओं की जांच शुरू की। रिपोर्ट के अनुसार,
• उधम सिंह नगर में 64 मदरसे सील किए गए।
• देहरादून में 44, हरिद्वार में 26 और पौड़ी गढ़वाल में 2 मदरसे बंद किए गए।
मदरसों की सीलिंग पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद की आपत्ति
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राज्य सचिव खुर्शीद अहमद ने इस कार्रवाई को “अवैध” करार दिया। उन्होंने कहा कि मदरसों के प्रबंधकों को पूर्व सूचना नहीं दी गई।
• “इस स्तर के अभियान के लिए सरकार को पहले आदेश पारित करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
• रमज़ान के दौरान सीलिंग की गई, जब छात्र अपने घरों में थे।
• उन्होंने चिंता जताई कि छात्रों को अन्य स्कूलों में समायोजित करने में कठिनाई हो सकती है।
मदरसा बोर्ड का आश्वासन
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमूम कासमी ने कहा कि बंद किए गए मदरसों के छात्रों को नजदीकी संस्थानों में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की अपील की।
• “बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिला हुआ है, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इसका उल्लंघन न हो।”
• मदरसों और सामान्य स्कूलों की शैक्षिक योग्यता के अंतर को दूर करने पर विचार किया जा रहा है।
• उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर मुंशी और मौलवी को कक्षा 10 और आलिम को कक्षा 12 के समकक्ष मान्यता देने की योजना है।
राज्यव्यापी जांच जारी
उत्तराखंड के 13 जिलों में जिला मजिस्ट्रेटों द्वारा मदरसों की जांच पूरी कर ली गई है। हालांकि, अभी तक इस जांच की सरकारी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।

Related posts

मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन, भंडारण एवं परिवहन पर हो प्रभावी कार्रवाईः डॉ जितेंद्र सोनी, जयपुर कलेक्टर

Clearnews

दिल्ली में अगले दो वर्षों में यमुना में सीवेज प्रवाह बंद होगा, दिसंबर 2027 तक नदी होगी स्वच्छ..!

Clearnews

10 अगस्त को होगा इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना का आगाज…जयपुर में 1 लाख 91 हजार से ज्यादा लाभार्थियों को मिलेगी सौगात..!

Clearnews